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छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी के खिलाफ संसद के बाहर प्रदर्शन
28-Jul-2025 1:59 PM
छत्तीसगढ़ में ननों की गिरफ्तारी  के खिलाफ संसद के बाहर प्रदर्शन

विपक्षी सांसदों का आरोप, अल्पसंख्यकों का उत्पीड़न हो रहा
'छत्तीसगढ़' संवाददाता 
दिल्ली/रायपुर, 28 जुलाई
। दुर्ग में दो कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी  के खिलाफ विपक्षी दलों ने सोमवार को संसद भवन के प्रदर्शन किया। विपक्ष के सांसदों ने भाजपा पर धार्मिक अल्पसंख्यकों का दमन करने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस, और अन्य विपक्षी दलों के सांसदों ने संसद भवन के बाहर हाथ में पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया। सांसदों ने छत्तीसगढ़ में अल्पसंख्यकों पर अत्याचार का आरोप लगाया।
बताया गया कि तीन व्यक्तियों, जिनमें दो कैथोलिक ननें और एक अन्य व्यक्ति शामिल थे, को रेलवे पुलिस ने मानव तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, इन ननों को कथित रूप से धर्मांतरण के आरोप में गिरफ्तार किया गया, और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
गिरफ्तार होने वाली ननें, प्रीति मैरी और वंदना फ्रांसिस, जो आगरा से आई थीं, और सुखमण मंडावी, जो नारायणपुर से थीं, को दुर्ग रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। ये तीनों महिलाएं कथित रूप से 18 से 20 वर्ष की तीन युवतियों के साथ थीं, जो दक्षिण बस्तर के नारायणपुर जिले से थीं। यह समूह आगरा में प्रशिक्षण और रोजगार के अवसरों के लिए यात्रा करने की योजना बना रहा था।

बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इन्हें स्टेशन पर देखा और आरोप लगाया कि यह समूह धर्मांतरण के लिए युवतियों को ले जा रहा था। इसके बाद बजरंग दल ने दुर्ग जीआरपी पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और इन ननों और अन्य आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

राहुल गांधी और के.सी. वेणुगोपाल का विरोध

इस घटना को लेकर कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और के.सी. वेणुगोपाल ने भाजपा पर तीखा हमला बोला। राहुल गांधी ने एक्स पर लिखा, "छत्तीसगढ़ में कैथोलिक ननों को उनकी आस्था के लिए निशाना बनाया गया और उन्हें जेल भेजा गया। यह न्याय नहीं है, यह भाजपा-आरएसएस की भीड़तंत्र की हुकूमत है। यह एक खतरनाक पैटर्न को दर्शाता है, जिसमें इस सरकार के तहत अल्पसंख्यकों का व्यवस्थित उत्पीड़न हो रहा है।"

वहीं, के.सी. वेणुगोपाल ने भी X पर लिखा, "यूडीएफ सांसदों ने आज संसद के बाहर छत्तीसगढ़ के दुर्ग में कैथोलिक ननों की गिरफ्तारी और उत्पीड़न के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। उन्हें बिना किसी गलत काम के हिंसक भीड़ द्वारा निशाना बनाया गया।" वेणुगोपाल ने यह भी बताया कि कांग्रेस ने गृह मंत्री और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को इस अवैध गिरफ्तारी पर पत्र लिखा है।

भाजपा-आरएसएस पर गंभीर आरोप

वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्यों में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अत्याचार लगातार बढ़ते जा रहे हैं और यह सिर्फ एक अलग घटना नहीं है। उन्होंने ओडिशा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, मणिपुर समेत अन्य राज्यों का उल्लेख किया, जहां चर्चों, पादरियों और ननों को निशाना बनाया जा रहा है।

"छत्तीसगढ़ की सरकार ने इन गुंडों को अल्पसंख्यकों पर हमला करने की पूरी छूट दी है। यह संविधान के खिलाफ है, जो धर्म की स्वतंत्रता की गारंटी देता है, लेकिन इस तरह के कृत्यों के माध्यम से भाजपा सरकार इस स्वतंत्रता पर हमला कर रही है," वेणुगोपाल ने कहा।

कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि भाजपा-आरएसएस के तंत्र के तहत सभी अल्पसंख्यकों को अपराधी के रूप में देखा जाता है और उनके खिलाफ हिंसा को बढ़ावा दिया जाता है। छत्तीसगढ़ में बजरंग दल के गुंडों और पुलिस के बीच मिलीभगत इस बात को दिखाती है कि भाजपा का असली इरादा क्या है।

यूडीएफ और कांग्रेस ने मांग की है कि छत्तीसगढ़ की सरकार इन ननों को तुरंत रिहा करे और उनके खिलाफ किए गए अत्याचारों के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा दी जाए। विपक्षी दलों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि इस मामले में उचित कार्रवाई नहीं की जाती, तो वे और भी कड़े विरोध प्रदर्शन करेंगे और इस मुद्दे को हर मंच पर उठाएंगे।

कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों का कहना है कि यह घटना केवल एक उदाहरण है और भाजपा शासित राज्यों में धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ उत्पीड़न का खतरनाक पैटर्न बन चुका है। यह न केवल धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है, बल्कि यह संविधान द्वारा दी गई धार्मिक स्वतंत्रता को भी नकारता है।


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