ताजा खबर

ड्रेस कोड और गेट टाइमिंग ने भी बढ़ाई मुसीबत
'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बिलासपुर, 28 जुलाई। रविवार को हुई आबकारी आरक्षक भर्ती परीक्षा अव्यवस्था की भेंट चढ़ गई। शहर के कई परीक्षा केंद्रों पर बारिश, गड़बड़ टाइमिंग, ड्रेस कोड के उलझनों और प्रशासनिक सख्ती ने परीक्षार्थियों की परीक्षा से पहले ही परीक्षा ले ली। सिरगिट्टी के शासकीय स्कूल में हालत इतने खराब थे कि परीक्षार्थियों को पानी भरे मैदान से 40 तखतों को जोड़कर बनाए गए रैंप से होकर सेंटर तक जाना पड़ा।
सबसे बड़ी गड़बड़ी परीक्षा केंद्र में प्रवेश को लेकर हुई। किसी के एडमिट कार्ड में रिपोर्टिंग टाइम 10:30 बजे लिखा था तो किसी में 10:45 बजे। डीपी विप्र कॉलेज सेंटर में ठीक 10:30 बजे गेट बंद कर दिया गया और समय से कुछ ही मिनट लेट पहुंचने वाले करीब 200 परीक्षार्थियों को अंदर नहीं जाने दिया गया। जबकि उसी सेंटर पर दो छात्रों को देरी के बावजूद प्रवेश मिल गया, जिससे हंगामा मच गया। कई नाराज परीक्षार्थियों ने सीसीटीवी फुटेज दिखाने की मांग की।
परीक्षा में हल्के रंग की हॉफ स्लीव शर्ट में आने का नियम था। स्वामी आत्मानंद स्कूल में एक युवक को गहरे रंग की कमीज पहनने पर रोक दिया गया तो वह शर्ट उतारकर बनियान में ही सेंटर पहुंचा। बाद में बाजार से टी-शर्ट लाकर ही उसे प्रवेश मिला। ब्रजेश स्कूल में छात्राओं की फुल स्लीव शर्ट की बांहें काट दी गईं। कई परीक्षार्थी खुले में कपड़े बदलते नजर आए। चेंजिंग रूम न होने से छात्राएं भी असहज रहीं।
महारानी लक्ष्मीबाई स्कूल के पास एक दुकानदार बैग रखने के लिए 30-30 रुपये वसूलता रहा क्योंकि केंद्र में बैग रखने की कोई व्यवस्था नहीं थी। करीब 100 अभ्यर्थियों को मजबूरन दुकान में बैग रखना पड़ा।
अभ्यर्थियों ने बताया कि 100 नंबर के आसान प्रश्न थे, जिनमें छत्तीसगढ़ी भाषा और उसकी उपबोलियों पर सवाल पूछे गए। "मच्छर ला छत्तीसगढ़ी में का कहे जाथे?" जैसे प्रश्न आए।
प्रशासन का कहना है कि व्यापमं ने परीक्षा की तैयारी में कोई चूक नहीं की। एसडीएम मनीष साहू ने कहा कि सभी व्यवस्था दुरुस्त थी, कुछ परीक्षार्थी देर से आए इसलिए उन्हें रोका गया।