ताजा खबर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 4 जुलाई। अगर कोई छात्र दो यूनिवर्सिटी से डिग्री कर रहा है और दोनों की परीक्षाएं एक ही समय पड़ जाएं, तो तारीख बदलने में न्यायालय हस्तक्षेप नहीं करेगा। एक मामले में हाईकोर्ट ने दो डिग्रियों की परीक्षाएं अलग-अलग तारीख पर कराने की मांग को खारिज कर दिया है।
कोनी, बिलासपुर निवासी सत्येन्द्र प्रकाश सूर्यवंशी एक साथ पं. सुंदरलाल शर्मा ओपन यूनिवर्सिटी से एमएसडब्ल्यू और अटल बिहारी वाजपेयी यूनिवर्सिटी से एलएलबी कर रहे हैं। दोनों यूनिवर्सिटियों की फाइनल परीक्षाओं का टाइम टेबल जारी हुआ, तो पाया कि दोनों की परीक्षा की तारीखें टकरा रही हैं। इस वजह से उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और मांग की कि परीक्षाएं अलग-अलग तारीख पर कराई जाएं।
लेकिन न्यायमूर्ति अरविंद कुमार वर्मा की एकलपीठ ने छात्र की यह याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि रिट याचिका के जरिए इस तरह की राहत नहीं दी जा सकती, और परीक्षा का टाइम टेबल बदलवाना कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता।
छात्र का कहना था कि यूजीसी ने एक साथ दो डिग्री करने की अनुमति दी है, और राज्य सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी 2020) को लागू करने के लिए टास्क फोर्स भी बना दी है। लेकिन यूनिवर्सिटियों के बीच समन्वय की कमी और उदासीनता की वजह से उसे परीक्षा देने में परेशानी हो रही है, जो उसके जीवन और स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन है।
कोर्ट ने कहा कि जब तक किसी संस्था का फैसला स्पष्ट रूप से गैरकानूनी न हो, तब तक उसके निर्णय को चुनौती नहीं दी जा सकती। और सिर्फ परीक्षा की तारीखों के टकराने को लेकर कोर्ट टाइम टेबल में बदलाव नहीं करा सकता।