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सरकारी संरक्षण में अवैध शराब बिक्री!
03-Jul-2025 6:23 PM
सरकारी संरक्षण में अवैध शराब बिक्री!

कांग्रेस शासन काल में 21सौ करोड़ का लगा चूना

‘छत्तीसगढ़’ की विशेष रिपोर्ट

रायपुर, 3 जुलाई (‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता)। आबकारी घोटाला केस में सरकारी संरक्षण में अवैध शराब की बिक्री का चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। ईओडब्ल्यू-एसीबी ने जांच में पाया,कि पिछली सरकार में देशी शराब की साढ़े 60 लाख पेटियां सरकारी दूकानों से अवैध रूप बिकवाई गई, और सरकार को 21 सौ करोड़ से अधिक का नुक़सान हुआ है।

ईओडब्ल्यू-एसीबी ने आबकारी घोटाला केस में विशेष अदालत में पूरक चालान पेश किए हैं। इसमें अवैध शराब बिक्री का खुलासा किया गया है।

यह बताया गया कि आबकारी अफसरों ने अलग-अलग महत्वपूर्ण गैर आदिवासी जिलों के दूकानों की बिक्री के हिसाब से 15 दूकानों की लिस्ट तैयार की गई थी, जहां से इन अवैध शराब दूकानों को बिकवाया जाए, ताकि इस अवैध कारोबार की किसी को कानों-कान भनक न लग पाए। इन जिलों के आबकारी अफसर एपी त्रिपाठी, और आबकारी सचिव निरंजन दास के संपर्क में रहते थे।

बताया गया कि दिन-प्रतिदिन शराब की गाडिय़ों का हिसाब आबकारी अफसर एपी त्रिपाठी, और अरविंद सिंह रखते थे। दूकानों से पैसे का कलेक्शन सिद्धार्थ सिंघानिया की मैन पावर कंपनी के कर्मचारी करते थे। जांच एजेंसी ने बताया कि पूरे कार्यकाल में साढ़े 60 लाख से अधिक देशी शराब की पेटियां सिंडिकेट के द्वारा सरकारी दूकानों में अवैध रूप से बिकवाई गई, और इससे सरकार को 2174 करोड़ 60 लाख राजस्व का नुकसान हुआ है।

जांच एजेंसी को सिडिंकेट के डिस्टलरियों द्वारा अवैध शराब के निर्माण से लेकर ट्रकों के परिवहन, और दूकानों में बिक्री के बाद पैसों के कलेक्शन  को लेकर साक्ष्य मिले हैं। इसमें आरोपी अनवर ढेबर, आबकारी अफसर एपी त्रिपाठी, विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू, नितेश पुरोहित के वाट्सएप चैट से इस पूरे अवैध कारोबार का खुलासा हुआ है। अनवर ढेबर के करीबी विकास अग्रवाल उर्फ सुब्बू की पैसे की कलेक्शन में अहम भूमिका रहती थी। वह ईओडब्ल्यू-एसीबी की गिरफ्त से बाहर है। आशंका है कि वो विदेश चला गया है।


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