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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 3 जुलाई। छत्तीसगढ़ में मुकदमों की लंबी कतार को कम करने और लोगों को जल्दी न्याय दिलाने के लिए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा ने बुधवार को एक अहम वर्चुअल बैठक ली। इस बैठक में राज्यभर के प्रधान जिला न्यायाधीश, परिवार न्यायालयों के न्यायाधीश, वाणिज्यिक अदालत रायपुर के न्यायाधीश, और विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव शामिल हुए।
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालतों में लंबित मामलों को मध्यस्थता (मेडिएशन) के जरिए सुलझाया जा सकता है। यह तरीका न सिर्फ न्याय प्रक्रिया को तेज करता है, बल्कि आम लोगों के लिए आसान और कम खर्चीला भी होता है। उन्होंने सभी न्यायिक अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे ज्यादा से ज्यादा मामलों को मध्यस्थता के लिए चिन्हित करें और उसे आगे भेजने की प्रक्रिया को बेहतर बनाएं। साथ ही, तय समय सीमा में हाईकोर्ट की मध्यस्थता निगरानी समिति को रिपोर्ट भेजना भी सुनिश्चित करें।
इस बैठक में न्यायमूर्ति पार्थ प्रतीम साहू (अध्यक्ष, जिला अदालतों में मध्यस्थता केंद्र निगरानी समिति), न्यायमूर्ति नरेश कुमार चंद्रवंशी और न्यायमूर्ति राधाकिशन अग्रवाल ने भी भाग लिया और जरूरी सुझाव दिए।