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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले वोटर लिस्ट में संशोधन के मामले पर कांग्रेस, आरजेडी और विपक्षी दलों के नेता बुधवार को चुनाव आयोग पहुंचे.
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "पिछला संशोधन 2003 में हुआ था. बीते 22 साल में बिहार में चार से पांच चुनाव हुए. क्या उन सभी चुनावों में गड़बड़ थी? क्या वे सभी चुनाव सही नहीं थे."
"2003 में हुआ संशोधन लोकसभा चुनाव से एक साल पहले और बिहार चुनाव से दो साल पहले हुआ था. लेकिन अब आप जुलाई में सबसे ज़्यादा जनसंख्या वाले भारत के दूसरे राज्य में वोटर लिस्ट में संशोधन कर रहे हैं. आप चाहते हैं कि ये एक या दो महीने में हो जाए. ये संविधान की बुनियाद पर हमला है."
उन्होंने कहा, "अगर ग़लती से एक भी वोटर का नाम हटाया जाता है तो यह चुनाव और लोकतंत्र को प्रभावित करता है."
वहीं आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा, "हम सब ने बिहार की चिंता रखी है. लेकिन चिंता से जो चिंतन होना चाहिए था उसकी कमी देखी है. हमने नेता विपक्ष तेजस्वी का पत्र सौंपा."
"पत्र में सिलसिलेवार तरीक़े से बताया गया है कि कैसे ये लोगों को बेदख़ल करने की साज़िश है. उनके (चुनाव आयोग) पास कोई जवाब नहीं था कि ये (वोटर लिस्ट में संशोधन) 22 साल में क्यों नहीं हुआ और अब क्यों हो रहा है."
बिहार में इस साल कुछ ही महीनों बाद विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं. चुनाव आयोग ने बीते महीने बिहार में विशेष मतदाता गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) करवाने का ऐलान किया है.(bbc.com/hindi)