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नयी दिल्ली, 2 जुलाई। निर्वाचन आयोग ने विभिन्न दलों की ओर से ‘‘अनधिकृत’’ व्यक्तियों द्वारा ‘‘बार-बार और अलग-अलग’’ बैठक के अनुरोध किए जाने के बीच बुधवार को फैसला किया कि वह केवल राजनीतिक दलों के प्रमुखों से इस तरह के संवाद का संज्ञान लेगा।
अधिकारियों ने यह जानकारी दी है।
राजनीतिक दलों का प्रतिनिधित्व करने का दावा करने वाले कई व्यक्ति बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण पर चर्चा के लिए आयोग से समय मांग रहे हैं।
चुनाव आयोग ने कहा कि अब से चुनाव प्राधिकरण ‘‘अनधिकृत व्यक्तियों’’ के ऐसे अनुरोधों को खारिज कर देगा।
अधिकारियों के अनुसार, कांग्रेस के एक कानूनी सलाहकार ने कई राजनीतिक दलों की ओर से इस मामले को लेकर दो जुलाई को चुनाव आयोग के साथ तत्काल बैठक की मांग की।
उन्होंने एक बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व करने का दावा किया और 30 जून को प्राप्त ई-मेल में ‘इंडिया’ गठबंधन की लगभग सभी पार्टियों का नाम लिया।
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि केवल दो पार्टियों.. भाकपा (माले) लिबरेशन और माकपा ने अब तक बैठक में अपनी उपस्थिति को लेकर पुष्टि की है। (भाषा)