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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
कोरबा, 25 नवंबर। करतला के जोगीपाली गांव में एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और उसके दो जुड़वा बच्चों की मौत गई। बताया गया है कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन की कमी के चलते उसकी पत्नी और बच्चों की जान चली गई। हालांकि, स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि बच्चों का जन्म समय से पहले हुआ था और उनकी स्थिति नाजुक थी।
मृतक महिला कांति राठिया का घर पर ही प्रसव कराया गया। पति ने बताया कि डिलीवरी के बाद प्लेसेंटा बाहर नहीं निकल पाया, जिससे महिला की हालत बिगड़ने लगी। परिजन आनन-फानन में उसे करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले गए, जहां डेढ़ घंटे तक इलाज चला। डॉक्टर प्लेसेंटा बाहर निकालने में असफल रहे और स्थिति गंभीर होती देख महिला को मेडिकल कॉलेज कोरबा रेफर कर दिया।
पति बिहारी लाल के अनुसार, मेडिकल कॉलेज ले जाने के दौरान एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं थी। इसी कारण रास्ते में ही बच्चों और उनकी मां की मौत हो गई।
स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ डॉ. एसएन केसरी ने कहा, "जुड़वा बच्चों का जन्म समय से पहले हुआ था और उनकी स्थिति नाजुक थी। करतला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्थिति संभालने की कोशिश की गई, लेकिन सफलता नहीं मिली। बच्चों को ऑक्सीजन के साथ मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। प्रसूता का इलाज शुरू किया गया था, पर वह भी बच नहीं पाईं।"
मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ. गोपाल सिंह कंवर ने बताया कि महिला और बच्चों को जब मेडिकल कॉलेज लाया गया, तब तक उनकी मौत हो चुकी थी। होम डिलीवरी कराने की वजह से यह स्थिति और जटिल हो गई। मौत की असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट होगी।
अस्पताल पुलिस चौकी प्रभारी दाउद कुजूर ने कहा कि मृतक महिला के रिश्तेदारों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और एंबुलेंस की स्थिति समेत अन्य पहलुओं की भी जांच होगी।