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जाने-माने संतूर वादक पंडित भजन सोपोरी ने गुरुवार, दो जून को आख़िरी सांस ली. वह 73 साल के थे. इसी महीने 10 मई को महान संतूर वादक शिवकुमार शर्मा ने भी दुनिया को अलविदा कह दिया था.
पंडित भजन सोपोरी के बेटे अभय सोपोरी ने एक बयान जारी कर कहा है, ''हमने एक महान संगीतज्ञ और बेहतरीन इंसान के रूप में अपने पिता को खो दिया. उनके बिना अपनी ज़िदगी गुज़ारना कल्पना से भी परे है. मेरे पिता का निधन गुरुवार शाम में 3:30 बजे हुआ. वह पिछले तीन हफ़्तों से अस्पताल में भर्ती थे.''
अभय सोपोरी ने कहा है कि उनके पिता कोलोन कैंसर से पीड़ित थे. अगर ज़िंदा होते तो 22 जून को वह अपना 74वां जन्मदिन मनाते. भजन सोपोरी का जन्म 1948 में कश्मीर के श्रीनगर में हुआ था.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, भजन सोपोरी गुरुग्राम के अस्पताल में भर्ती थे. पंडित भजन सोपोरी शानदार परफॉर्मर, कंपोज़र, संगीतज्ञ, शिक्षक, लेखक और कवि थे.
पंडित भजन सोपोरी को 'संतूर का संत' भी कहा जाता था. भारतीय संस्कृति और संगीत में अहम योगदान के लिए उन्हें कई प्रतिष्ठित सम्मानों से नवाज़ा गया था.
उन्हें पद्मश्री, संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड, जम्मू-कश्मीर लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया गया था.
पंडित सोपोरी के निधन पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर गहरा शोक जताया है. अपने ट्वीट में अब्दुल्ला ने लिखा है, ''पंडित भजन सोपोरी का निधन बहुत ही दुखद है. भारतीय शास्त्रीय संगीत में संतूर को स्थापित करने में उनकी अहम भूमिका थी. उनकी आत्मा को शांति मिले. मेरी संवेदना उनके परिवार के साथ है.'' (bbc.com)