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‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 जनवरी। मुंगेली जिले के लोरमी इलाके में बैगा आदिवासियों की कृषि भूमि की पर्ची पर धान बेचने के रैकेट पर कार्रवाई करते हुए पुलिस ने खुडिय़ा उपार्जन केंद्र के प्रभारी सहित तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है। बैगाओं ने अपना धान बेचा ही नहीं और उनकी पर्ची को डरा-धमकाकर रख लिया। यही नहीं उनके नाम पर धोखाधड़ी कर किसान क्रेडिट कार्ड से कर्ज भी निकाल लिया। मुख्य आरोपी बिचौलिया फरार है जिसकी तलाश की जा रही है।
दरअसल, खुडिय़ा क्षेत्र के बैगा आदिवासियों को वन अधिकार अधिनियम के तहत कृषि भूमि के पट्टे दिये गये हैं। इसमें उनकी इतना ही धान उगाते हैं जितनी जरूरत होती है। ये प्राय: सोसायटियों में धान ले जाकर नहीं बेचते। कुछ दिन पहले शिकायत मिली थी कि बैगाओं की पर्ची का डरा-धमकाकर इस्तेमाल कर एक बिचौलिया अनिल पटेल न केवल सोसाइटी वालों से मिलीभगत कर बाहर से खरीदा गया धान बेच रहा है बल्कि बैगाओं के नाम पर केसीसी कर्ज भी ले लिया है।
संचू बैगा ने बताया है कि उसके नाम पर 95 हजार रुपये का कर्ज लिया गया, जिसके बारे में उसे पता ही नहीं है। एसडीएम ने तब पटेल के यहां छापा मारकर 28 पर्ची और 5 पासबुक जब्त की थीं। खुडिय़ा और उरईकछार के ग्रामीणों संचू बैगा, बुल्ला, चैनू, छोटेलाल, रूप सिंह, दशरू आदि से पूछताछ के बाद बिचौलिया अनिल पटेल के अलावा सोसायटी के प्रभारी जलेश्वर कुलमित्र, बारदाना प्रभारी भूषण जायसवाल और ऑपरेटर संदीप जायसवाल के विरुद्ध आईपीसी की धारा 420, 506 और 34 के तहत अपराध दर्ज किया गया है। सोसाइटी के तीनों कर्मचारियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है जबकि बिचौलिया अनिल पटेल फरार है।


