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सिवनी (मध्यप्रदेश), 16 जनवरी। मध्यभारत की सुपर मॉम बाघिन माताराम, जो कॉलरवाली नाम से मशहूर थीं, ने पेंच राष्ट्रीय उद्यान में शनिवार की शाम को आखिरी सांस ली।
बाघिन को मार्च 2008 में कॉलर लगाया गया था इसलिए उसे कॉलरवाली नाम से ज्यादा संबोधित किया जाता था। वह 30 शावकों को जन्म देने के साथ ही उनकी देखभाल के लिए जानी गईं। इसके चलते उसे सुपर मॉम या माताराम भी कहा जाता था।

माताराम का जन्म 2005 में पेंच में हुआ। पहली बार कालरवाली ने मात्र ढाई वर्ष की उम्र में 3 शावकों (एक नर, दो मादा) को जन्म दिया था। दूसरी बार कालरवाली ने 4 शावकों को जन्म दिया। तीसरी बार रिजर्व के इतिहास में किसी बाघिन ने 5 शावकों को जन्म दिया। चौथी बार कालरवाली बाघिन ने 15 मई, 2012 को 3 शावकों को जन्म दिया। पांचवी बार 2013 में 3 नर शावकों को दिया जन्म। छठवीं बार 4 शावकों को दिया शावकों को कालरवाली के साथ लगभग 15-20 दिन की उम्र में 6 अप्रैल, 2015 को देखा गया। सातवीं बार वर्ष 2017 में कालरवाली ने 3 शावकों को जन्म दिया।
दिसम्बर 2018 में आठवीं बार जन्में नवजात 4 शावकों के साथ देखी गई। आठ बार में कुल 30 शावकों को जन्म देने वाली माताराम के चेहरे पर आखिरी दिनों तक कोई थकावट नहीं दिखती थी। 17 साल की उम्र में उसकी स्वाभाविक मौत कल शाम 15 जनवरी को हो गई। पेंच अभयारण्य में काम करने वाले वन कर्मी और स्टाफ, उन्हें जानने वाले पर्यटक और वन्य जीव प्रेमी बाघिन माताराम की मौत से मायूस हुए हैं।


