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विराट कोहली ने टेस्ट टीम की कप्तानी को कहा अलविदा, बोले-ईमानदारी से किया काम, नहीं छोड़ी कोई कसर
15-Jan-2022 8:41 PM
विराट कोहली ने टेस्ट टीम की कप्तानी को कहा अलविदा, बोले-ईमानदारी से किया काम, नहीं छोड़ी कोई कसर

इमेज स्रोत,ANI


विराट कोहली ने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने का एलान किया है. विराट कोहली ने ट्विटर पर इसकी जानकारी दी है. वो भारत के सबसे कामयाब टेस्ट कप्तान हैं और करीब सात साल तक उन्होंने टीम की कमान संभाले रखी.

विराट कोहली ने लिखा है, "मैंने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया और कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी."

उन्होंने आगे लिखा है, "मैं जो कुछ भी करता हूं, उसमें मैं 120 फ़ीसदी योगदान देने में भरोसा करता हूं और अगर मैं ऐसा नहीं कर सकता हूं तो मैं जानता हूं कि ऐसा करना सही नहीं है."

पिछले कुछ समय से विराट कोहली और बीसीसीआई के बीच कप्तानी को लेकर विवाद चल रहा था. विराट कोहली ने बीते साल हुए ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप के पहले भारत की टी-20 टीम की कप्तानी छोड़ने का एलान किया था.

इसके बाद उनकी जगह वनडे टीम की कप्तानी रोहित शर्मा को सौंप दी गई थी. कोहली ने कहा था कि उन्हें 'कप्तान बदलने के फ़ैसले की जानकारी एलान के सिर्फ़ डेढ़ घंटे पहले दी गई' थी. विराट कोहली के इस बयान को लेकर विवाद शुरू हो गया. विराट कोहली की कप्तानी में टीम इंडिया ने कामयाबी के कई अहम मुकाम हासिल किए.

शानदार रिकॉर्ड
विराट कोहली की कप्तानी में भारत ने आखिरी टेस्ट सिरीज़ दक्षिण अफ़्रीका के ख़िलाफ़ खेली. ये सिरीज़ शुक्रवार को ख़त्म हुई. केप टाउन टेस्ट में भारत को सात विकेट से हार झेलनी पड़ी.

बतौर कप्तान आखिरी टेस्ट मैच में भले ही हार का झटका लगा हो लेकिन विराट कोहली भारत के सबसे कामयाब टेस्ट कप्तान हैं. उन्होंने 68 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी की और 40 में टीम को जीत दिलाई. विराट कोहली की कप्तानी में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया में पहली बार टेस्ट सिरीज़ जीती थी.

उनके बाद महेंद्र सिंह धोनी का नंबर है. धोनी ने 60 टेस्ट मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी की और 27 में जीत दिलाई. विराट कोहली की गिनती दुनिया के सबसे कामयाब टेस्ट कप्तानों में होती है.

बतौर कप्तान टेस्ट मैचों में विराट कोहली का बल्ला भी खूब गरजा. कप्तान के तौर पर 68 टेस्ट मैचों में उन्होंने 20 शतक जमाए और 5864 रन बनाए.

विराट कोहली ने 95 वनडे मैचों में कप्तानी की और 65 में टीम को जीत दिलाई. वहीं, बतौर कप्तान 50 ट्वेंटी-20 मैचों में से 30 में जीत हासिल की.

विराट कोहली ने ट्विटर पर जारी पत्र में बीसीसीआई को धन्यवाद भी कहा है.

विराट कोहली ने लिखा है, "मैं बीसीसीआई को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इतने लंबे समय तक मेरे देश की अगुवाई का मौका दिया."

विराट कोहली ने साल 2021 के ट्वेंटी-20 वर्ल्ड कप के पहले एलान किया कि वो टूर्नामेंट के बाद इस फॉर्मेट में टीम की कप्तानी नहीं करेंगे. तब विराट कोहली ने कहा था कि वो टेस्ट और एकदिवसीय टीम की कप्तानी जारी रखना चाहते हैं.

दिसंबर में एक अख़बार ने बीसीसीआई प्रमुख सौरव गांगुली के हवाले से लिखा कि उन्होंने 'विराट से टी-20 की कप्तानी नहीं छोड़ने का अनुरोध किया था. कप्तानी बदलने की कोई योजना नहीं थी. लेकिन उन्होंने टी-20 की कप्तानी छोड़ दी और चयनकर्ताओं ने सीमित ओवर के मैचों के अलग-अलग कप्तान न रखने का फ़ैसला किया और पूरी तरह अलग करने का फ़ैसला चुना."

चयनकर्ताओं ने रोहित शर्मा को ट्वेंटी-20 और वनडे टीम का कप्तान बनाने का एलान किया था.

विराट कोहली ने इसके बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "ये कहने में कोई अपमान या झिझक नहीं है कि मुझे ये नहीं कहा गया था कि आप टी-20 कप्तानी न छोड़िए बल्कि इसे सही दिशा में उठाया गया एक प्रगतिशील क़दम बताया गया था."

वनडे टीम की कप्तानी बदलने के फ़ैसले पर विराट कोहली ने कहा था, "मुझे डेढ़ घंटे पहले फ़ोन आया था और मुझे ये बताया गया कि पांचों चयनकर्ताओं ने फ़ैसला किया है कि वे वनडे के कप्तान नहीं रहेंगे. मैंने कहा- ठीक है. इससे पहले मुझसे इस संबंध में कोई बात नहीं हुई थी."

हालांकि, बाद में चयन समिति के प्रमुख चेतन शर्मा ने भी कहा कि बीसीसीआई और चयनकर्ताओं ने विराट कोहली से टी-20 टीम का कप्तान बने रहने का अनुरोध किया था.

विराट कोहली के ट्वेंटी-20 कप्तानी छोड़ने के फ़ैसले पर चेतन शर्मा ने कहा, "जब बैठक शुरू हुई तो हम सब चौंक गए क्योंकि विश्व कप आगे है और आप यह ख़बर सुनें तो एक आम इंसान की क्या प्रतिक्रिया होगी. बैठक में जो हर कोई बैठा था, उसने इस फ़ैसले पर दोबारा सोचने के लिए कहा था. हमने कहा कि हम इसके बारे में विश्व कप के बाद बात कर सकते हैं. सभी चयनकर्ताओं का मानना था कि यह विश्व कप के प्रदर्शन पर असर डाल सकता है. विराट से कहा गया था कि भारतीय क्रिकेट की ख़ातिर कृपया कप्तान बने रहें."

"ये सात साल की मेहनत और परिश्रम था जिससे टीम को सही दिशा में ले जाया जा सके. मैंने अपना काम पूरी ईमानदारी से किया और कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी. हर चीज़ का एक दिन अंत आता है और हर चीज़ किसी मोड़ पर ठहर जाती है और भारत के टेस्ट कप्तान के तौर पर मेरे लिए भी ये वही मौका है. इस सफर में कई बार ऊंचाइंया छूने के मौके आए तो कुछ एक बार उतार भी देखने को मिला. लेकिन कोशिश करने और भरोसे में कभी कमी नहीं रही. मैं जो कुछ भी करता हूं उसमें मैंने हमेशा 120 फ़ीसदी योगदान देने में भरोसा किया है और अगर मैं ऐसा नहीं कर पाता हूं तो मैं जानता हूं कि ऐसा करना ठीक नहीं है. मैं इस बात को साफ़ोगई के साथ जानता हूं कि मैं अपनी टीम के प्रति बेईमान नहीं हो सकता. "

"मैं बीसीसीआई को धन्यवाद देना चाहता हूं कि उन्होंने मुझे इतने लंबे वक्त के लिए टीम का नेतृत्व करने का मौका दिया. और सबसे ज्यादा शुक्रिया मेरी टीम के साथियों का जिन्होंने पहले दिन से मेरे सपने को पूरा करने में मेरा साथ दिया और कभी साथ नहीं छोड़ा. तुम लोगों ने इस सफर को खूबसूरत और यादगार बना दिया. रवि भाई और सपोर्ट स्टाफ का शुक्रिया जो टेस्ट क्रिकेट में हमारी गाड़ी को आगे बढ़ाने के इंजन के रूप में रहे. आप सबने इस सपने को हक़ीक़त में बदलने में बहुत अहम भूमिका निभाई. आखिर में एमएस धोनी का धन्यवाद जिन्होंने मुझमें एक कप्तान के तौर पर भरोसा दिखाया और यह विश्वास जताया कि मैं भारतीय क्रिकेट को आगे ले जा सकता हूं." (bbc.com)


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