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सरकारी और निजी अस्पतालों की ज्यादातर बिस्तर खाली हुए
बिलासपुर, 30 मई। बीते 24 घंटों में जिले में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा गिरकर 5 पर आ गया। जिले के एक संक्रमित की इस दौरान हुई, जबकि दूसरे जिलों से भर्ती कराए गए 4 मरीजों की विभिन्न निजी अस्पतालों में मौत हो गई। इस दौरान संक्रमण के 74 नए मामले जिले से मिले। साल भर पहले 30 मई 2020 को कोरोना से मस्तूरी की एक 9 साल की बालिका की मौत हुई थी जो जिले की पहली मौत थी।
बीते 24 घंटे में संक्रमित होने वालों में शहर के 40 मरीज शामिल हैं। इस दौरान 155 मरीज स्वस्थ होने के बाद होम आइसोलेशन और अस्पतालों से डिस्चार्ज किए गए। जिन अस्पतालों को कोरोना की दूसरी लहर शुरू होने के बाद कोविड डेडिकेटेड अस्पताल के रूप में तैयार किया गया था, वहां अन्य बीमारियों के मरीज इलाज के लिए नहीं पहुंच रहे हैं मगर कोरोना पीड़ितों की संख्या घटने के बाद वहां के बेड खाली हो चुके हैं। इसके चलते चार अस्पतालों ने स्वास्थ्य विभाग को आवेदन देकर कोर्ट मरीजों का उपचार बंद करने की अनुमति मांगी है। इनमें स्टार चिल्ड्रन अस्पताल, स्वास्तिक अस्पताल, कृष्णा अस्पताल व संजीवनी हॉस्पिटल शामिल हैं। इसके अलावा महादेव, मार्क, सूर्या और केयर एंड क्योर हॉस्पिटल में बिस्तरों की संख्या घटाकर एक तिहाई से भी कम कर दी है। यहां दूसरे मरीजों का भी उपचार शुरू कर दिया गया है।
इधर स्वास्थ्य विभाग ने तीसरी लहर की आशंका को ध्यान में रखते हुए इन अस्पतालों के प्रबंधकों से कहा है कि वे इसकी तैयारी रखें कि जब भी कोविड मरीजों की संख्या अचानक बढ़ेगी, उन्हें उपचार शुरू करने के लिए पर्याप्त बिस्तर व संसाधन रखने होंगे। ज्ञात हो कि बिलासपुर शहर के विभिन्न निजी अस्पतालों में 2097 को इस तरह की व्यवस्था की गई थी। संभागीय कोविड अस्पताल में इस समय 100 में से सिर्फ 11 बिस्तर में संक्रमित मरीज दाखिल है।
इधर सिम्स चिकित्सालय में ब्लैक फंगस के तीन और मरीज भर्ती कराए गए हैं। इनमें बिलासपुर, जांजगीर और कोरबा के एक-एक मरीज हैं।
इस समय सिम्स मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में ब्लैक फंगस के 10 मरीजों का उपचार चल रहा है। अब तक पांच की स्थिति गंभीर होने पर एम्स रायपुर रेफर किया गया है। भर्ती कराए गए अधिकांश मरीजों के नाक में संक्रमण है और इनके इलाज में सबसे बड़ी बाधा दवाइयों की कमी है। शहर के निजी मेडिकल स्टोर्स में ब्लैक फंगस की दवा पोसाकोनाजोल और एंप्रोटरेसिन बी उपलब्ध नहीं हैं। राज्य के औषधि विधान से भी इन दवाओं की आपूर्ति नहीं हो पाई है जबकि इसकी मांग लगातार की जा रही है। अब तक जिले में ब्लैक फंगस से एक महिला सहित दो लोगों की मौत भी हो चुकी है।