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(नमिता तिवारी)
रांची, 6 जुलाई। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देश में अगली पीढ़ी के परिवहन के लिए एक महत्वाकांक्षी रूपरेखा तैयार की है। इसमें शहरी क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक रैपिड ट्रांसपोर्ट, हाइपरलूप और दुर्गम इलाकों में रोपवे, केबल बसें और फनिक्युलर रेलवे शामिल है।
गडकरी ने पीटीआई-भाषा के साथ साक्षात्कार में कहा कि भारत का परिवहन क्षेत्र एक बड़े बदलाव से गुजर रहा है। इसमें ट्री बैंक, मोबाइल-आधारित ड्राइविंग परीक्षण और 11 प्रमुख वाहन विनिर्माताओं द्वारा फ्लेक्स-फ्यूल इंजन जैसी पहल पाइपलाइन में हैं।
इसके अलावा एजेंडा में 25,000 किलोमीटर के दो-लेन के राजमार्गों को चार लेन में बदलने, प्रमुख मार्गों पर एक इलेक्ट्रिक रैपिड ट्रांसपोर्ट नेटवर्क स्थापित करने और सड़क निर्माण को 100 किलोमीटर प्रति दिन तक बढ़ाना शामिल है।
गडकरी ने कहा, ‘‘हम नवोन्मेषण को बढ़ावा दे रहे हैं। जन परिवहन में में क्रांति चल रही है।’’
उन्होंने कहा कि भारत में यात्रा करने के तरीके को बदलने के लिए युद्धस्तर पर काम चल रहा है। इसके तहत न केवल महानगरों, बल्कि दूरदराज के दुर्गम ग्रामीण क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। हम केदारनाथ सहित 360 स्थानों पर रोपवे, केबल कार और फनिक्युलर रेलवे का निर्माण कर रहे हैं। इनमें से 60 परियोजनाओं पर काम शुरू हो चुका है।
फनिक्युलर रेलवे एक ऐसी प्रणाली है जो लोगों और माल को कुशलतापूर्वक ऊपर और नीचे ले जाने के लिए लिफ्ट और रेलवे तकनीकों को जोड़ती है। ये विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में उपयोगी है। गडकरी ने कहा कि इन परियोजनाओं की लागत 200 करोड़ रुपये से लेकर 5,000 करोड़ रुपये तक है और एक बार पूरा हो जाने पर, ये भारत की सूरत बदल देंगी।
सड़क परिवहन एवं मंत्री ने कहा कि बेहतर सड़क बुनियादी ढांचा न केवल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देगा, बल्कि वृद्धि को गति देने और रोजगार सृजन में भी मदद करेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि एक साल के भीतर हमारे राजमार्ग अमेरिकी सड़कों के मानक और गुणवत्ता से मेल खाएंगे, जिसपर मैं लगातार जोर दे रहा हूं।’’
उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब महानगरों में केबल से चलने वाली बसें, इलेक्ट्रिक रैपिड मास ट्रांसपोर्ट बसें होंगी, जिनमें विमान जैसी सुविधाएं होंगी। गडकरी ने कहा कि दिल्ली और बेंगलुरु जैसे शहरों के लिए मेट्रिनो पॉड टैक्सी, हाइपरलूप प्रणाली और पिलर-आधारित मास रैपिड ट्रांसपोर्ट जैसी पायलट परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘प्रौद्योगिकी और निवेशक दोनों आ रहे हैं। यह एक क्रांति होगी।’’
मंत्री ने कहा, ‘‘टाटा, टोयोटा, हुंदै और महिंद्रा सहित 11 कंपनियों ने फ्लेक्स-ईंधन इंजन वाहन बनाने पर सहमति व्यक्त की है। इससे ईंधन आयात कम होगा और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता भी कम होगी। फ्लेक्स-फ्यूल वाहन पारंपरिक इंजन से लैस होते हैं जो एक से अधिक ईंधन पर चल सकते हैं। वे मुख्य रूप से एथनॉल और मेथनॉल या जैव ईंधन के मिश्रण और पेट्रोल या डीजल जैसे पारंपरिक ईंधन पर चलने के लिए हैं।
गडकरी ने कहा कि भारत दो लेन वाली सड़कों को चार लेन वाली सड़कों में बदलने के लिए 25,000 किलोमीटर की सड़कों के उन्नयन पर काम कर रहा है और हमारा प्रतिदिन 100 किलोमीटर सड़क बनाने का लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि 2013-14 में राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 91,287 किलोमीटर थी। आज यह लगभग 60 प्रतिशत बढ़कर 1,46,204 किलोमीटर हो गई है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हाई-स्पीड कॉरिडोर (एचएससी) की लंबाई 2014 के 93 किलोमीटर से बढ़कर वर्तमान में 2,474 किलोमीटर हो गई है।
उन्होंने कहा कि हम राजमार्गों के किनारे 20-25 करोड़ पेड़ लगाने की योजना बना रहे हैं, जिसका उद्देश्य पुराने पेड़ों को प्रत्यारोपित करना और हर एक पेड़ काटने पर पांच नए पेड़ लगाना है।
मंत्री ने कहा कि पर्यावरण मंत्रालय के साथ ट्री बैंक के लिए बातचीत अंतिम चरण में है और एक बार मंजूरी मिल जाने के बाद इसपर पूर्ण रूप से काम शुरू हो जाएगा। इलेक्ट्रिक रैपिड ट्रांसपोर्ट के बारे गडकरी ने कहा कि पायलट परियोजना के तौर पर नागपुर में 135 सीट वाली इलेक्ट्रिक बस के लिए निविदा निकाली गई है। इस बस में एग्जिक्यूटिव क्लास की सीटें, एसी के साथ एयरलाइन ग्रेड की सुविधाएं होंगी। इसकी रफ्तार 120-125 किमी प्रति घंटा होगी। (भाषा)