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पौन करोड़ के नक्सलियों को ढेर कर हासिल की दूसरी बड़ी कामयाबी
प्रदीप मेश्राम
राजनांदगांव, 22 मई ('छत्तीसगढ़' संवाददाता)। गढ़चिरौली (महाराष्ट्र) पुलिस के नक्सल इतिहास में शुक्रवार को मिली कामयाबी अब तक की दूसरी बड़ी सफलता है। गढ़चिरौली पुलिस के सी-60 के जवानों ने एकमुश्त 13 नक्सलियों को मारकर तीन साल के बाद बड़ी कामयाबी अपने खाते में दर्ज की है। तीन साल पहले इंद्रावती नदी के किनारे पुलिस ने करीब 40 नक्सलियों का एक साथ सफाया कर दिया था। गढ़चिरौली महाराष्ट्र का सर्वाधिक नक्सल प्रभावित गढ़ माना जाता है। नक्सल हिंसा के चलते बड़ी तादाद में जवानों की शहादत जिले को झेलनी पड़ी। 13 नक्सलियों को मारने के बाद अब पुलिस ने एक विशेष रणनीति के तहत गढ़चिरौली में सक्रिय मिलिट्री कंपनी 04 के सफाए का लक्ष्य रखा है।
बताया जा रहा है कि पुलिस कंपनी को नेस्तनाबूत कर गढ़चिरौली को नक्सलमुक्त करने का मन बना चुकी है। इसके लिए सालभर का लक्ष्य रखकर कंपनी के खात्मे के लिए अभियान चलाने की तैयारी हो गई है। गढ़चिरौली में कल मारे गए 13 नक्सलियों पर करीब पौन करोड़ रुपए का ईनाम था। मारे गए नक्सलियों में तीन का कंपनी नं. 04 से ताल्लुकात था। लंबे समय से मारे गए नक्सलियों की पुलिस को तलाश थी।
कल मारे गए नक्सलियों में सर्वाधिक ईनामधारी सतीश उर्फ अड़वे देवू मोंहदा पर था। वह डीवीसीएम मेम्बर होने की वजह से 16 लाख रुपए का सरकार ने ईनाम घोषित कर रखा था। कल के मुठभेड़ में कसनसूर दलम के ज्यादातर नक्सली पुलिस के हाथों मारे गए। कसनसूर दलम राजनांदगांव जिले के मानपुर पुलिस डिवीजन के आखिरी छोर में बसे औंधी इलाके की सीमा से बेहद नजदीक है। कसनसूर दलम पर जिस तरह से पुलिस ने हमला बोला उससे एक बड़ी संख्या दलम की साफ हो गई। हाल ही के महीनों में गढ़चिरौली पुलिस ने राजनांदगांव के सरहदी इलाकों में ही नक्सलियों को घेरकर मारा है। इसके चलते टीपागढ़, कोरची, चातगांव दलम को भारी नुकसान हुआ है। उक्त दलम राजनांदगांव के नक्सलग्रस्त मानपुर, मोहला और अंबागढ़ चौकी डिवीजन के सीमावर्ती गांवों में सक्रिय थे।
बताया जा रहा है कि नक्सलियों को लगातार घेरकर पुख्ता सूचना के आधार पर पुलिस हमला कर रही है। बताया जा रहा है कि दलमों में अब गिनती के ही नक्सली बच गए हैं। हालांकि कंपनी नं. 4 के अस्तित्व में होने से पुलिस को बड़ा खतरा भी है।
इस संबंध में गढ़चिरौली डीआईजी संदीप पाटिल ने 'छत्तीसगढ़' को बताया कि नक्सल अभियान में पुलिस तरह मुस्तैद होकर काम कर रही है। अगला लक्ष्य कंपनी नं. 04 है। सालभर के भीतर इस मिलिट्री दलम का नाम मिटाने के लिए पूरा जोर लगाया जाएगा। बताया जा रहा है कि नक्सल मोर्चे में गढ़चिरौली पुलिस अब आक्रमक होकर नक्सलियों को घेरने की रणनीति पर काम कर रही है। गुजरे 7 महीने में 27 नक्सलियों को मारना पुलिस की आक्रमक कदम से ही संभव हुआ है।