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4 दिन के भीतर 10 मिले, दो का ऑपरेशन, दो रायपुर शिफ्ट किए गए
बिलासपुर, 21 मई। तकरीबन डेढ़ माह के बाद बिलासपुर में कोरोना पॉजिटिव की संख्या बीते गुरुवार को 200 से कम रही। मौत का आंकड़ा भी नीचे गिरकर 15 पर आ गया। मृतकों में 5 मरीज दूसरे जिलों से थे। अब स्वास्थ्य विभाग को ब्लैक फंगस से निपटने की ओर ज्यादा फोकस करना पड़ रहा है।
मई माह की शुरुआत में जहां प्रतिदिन कोरोना संक्रमण के मामले 12 सौ के आसपास हो गए थे, वहीं अब घटते हुए यह आंकड़ा गुरुवार को 167 पर आ गया। इस बीच स्वस्थ होने वाले 495 मरीजों को होम आइसोलेशन और अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया।
दूसरी और जिले में ब्लैक फंगस के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। 2 मरीजों को एम्स रायपुर में रेफर किए जाने के बाद कल यहां तीन और मरीज भर्ती कराए गए। सिम्स के डॉक्टरों की टीम में कल एक महिला मरीज का ऑपरेशन किया। अपोलो में भी एक ऑपरेशन किया गया। दोनों की हालत अभी स्थिर बताई जा रही है। ब्लैक फंगस किसी भी कोरोना संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति को हो सकता है लेकिन उसका शुगर का मरीज होना या ज्यादा स्टोराइट लेना ही जरूरी नहीं है। पेंड्रा की 35 वर्षीय सीमा पांडे को कोरोना के सामान्य लक्षण थे और उन्होंने स्टोराइड नहीं ली। संक्रमण का असर ज्यादा नहीं होने के कारण वह होम आइसोलेशन पर रहकर सामान्य दवाई ले रही थी। उन्हें शुगर की भी शिकायत नहीं है। इस मरीज का कल सिम्स में ऑपरेशन किया गया।
जिले में अब तक ब्लैक फंगस के 10 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से दो रायपुर के पर किए गए हैं और एक तखतपुर के युवक का पहले से ही रायपुर में एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए भी तैयारी में लगा है। मातृ शिशु चिकित्सालय को बच्चों के कोविड वार्ड के लिए तैयार करने की प्रक्रिया स्वास्थ विभाग ने शुरू की है।
18 + को दूर के केन्द्रों में मिल रहा आबंटन
बार-बार के प्रयोगों के बावजूद सामान्य श्रेणी के 18 से 44 वर्ष के लोगों को कोरोना वैक्सीन लगवाने में एक के बाद एक नई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
शासन के निर्देश के मुताबिक 18 प्लस के टीके अब सीधे टीकाकरण केंद्र जाकर नहीं लगवाए जा सकेंगे बल्कि इसके लिए सीजी टीका ऐप में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उसके बाद जो टीकाकरण केंद्र ऐप दर्शाएगा, वहीं पहुंचना होगा। बिलासपुर शहर के कई युवा ऐप में डिटेल भर रहे हैं तो उन्हें तखतपुर, बिल्हा और मस्तूरी विकासखंड के गांवों में आवंटन मिल रहे हैं। जो 20 से 30 किलोमीटर तक दूर हैं। अनेक लोगों ने जिनमें खासकर महिलाएं हैं वह इन दिक्कतों को देखते हुए पंजीयन के बावजूद बाहर जाकर टीका नहीं लगवा पा रही हैं। ऐप में दूसरी खामी यह है की मांगी गई आवश्यक जानकारी के बाद रजिस्ट्रेशन सफल तो बताया जाता है लेकिन उन्हें किस दिन और किस केंद्र में टीका लगेगा इसकी सूचना ना तो ऐप में दी जाती है ना ही मोबाइल फोन पर मैसेज आता है। यह ऐप शुरू करने का उद्देश्य टीकाकरण केंद्रों में लोगों को भटकने से बचाना था लेकिन लोगों को एक केन्द्र से दूसरे में जा जाकर अपने बारी के बारे में पूछताछ करनी पड़ रही है।
गुरुवार को जिले में 18 से 44 वर्ष आयु के 3977 लोगों ने टीका लगवाया। इनमें एपीएल श्रेणी के 2797 तथा बीपीएल 1040 थे। वहीं अंत्योदय कार्ड धारी जिनको सबसे ज्यादा आवंटन दिया गया है, उनमें सिर्फ 124 टीके लगे।