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कोरबा। कोरोना नियंत्रण की ड्यूटी करते एक दिव्यांग शिक्षक की संक्रमण की जद में आने से मौत हो गई।महामारी में दिव्यांग के ड्यूटी लगाने का आदेश सवालों के घेरे में है वहीं अधिकारियों की मनमानी ने एक परिवार का सहारा छीन लिया। अखिल भारतीय सतनामी युवा कल्याण समिति व छत्तीसगढ़ भीम रेजीमेंट की जिला इकाई ने हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की है। वही शिक्षक संघ में भी आक्रोश है।
कोरबा जिले के पोड़ी-उपरोड़ा विकासखंड के तानाखार स्थित शासकीय हाईस्कूल मेें पदस्थ सहायक शिक्षक सधवा कुमार बंजारे 60 प्रतिशत दिव्यांग थे । इनकी ड्यूटी तानाखार पंचायत दल क्रमांक 1 में लगाई गई थी। बताया जाता है कि दिव्यांग सधवा कुमार की कोरोना सर्वे में ड्यूटी न लगाने को लेकर आवेदन दिया गया था जिसे अनसुना कर दिया गया। फलस्वरूप सर्वे करते-करते 16 मई को संक्रमण की चपेट में दिव्यांग शिक्षक आ गया और 19 मई को ईलाज के दौरान मौत हो गई। पत्नी व 3 मासूम बच्चों के सिर से घर के मुखिया का साया छिन गया वहीं इस पूरे मामले को लेकर शिक्षकों में व्यवस्था के प्रति नाराजगी व्याप्त है। बता दें कि इससे पहले शिक्षक एवं अधिकारी, कर्मचारी संघों के द्वारा दिव्यांग, बीमार और गंभीर बीमारी से ग्रसित शिक्षकों व कर्मचारियों की ड्यूटी कोरोना सर्वे आदि में नहीं लगाने की मांग की गई थी। इस मांग पर किसी भी तरह की सुनवाई नहीं हुई है। प्राचार्य के द्वारा यह जानते हुए कि सहायक शिक्षक सधवा कुमार 60 प्रतिशत दिव्यांग है, फिर भी उसे सर्वे के लिए लगाया गया। अखिल भारतीय सतनामी युवा कल्याण समिति के अध्यक्ष मनीराम जांगड़े ने मांग की है कि उन अधिकारियों के खिलाफ हत्या के प्रयास का अपराध दर्ज किया जाए व तत्काल उन अधिकारियों की गिरफ्तारी की जाए जिनके द्वारा अनदेखी कर ड्यूटी लगाई गई। इस पर त्वरित कार्यवाही ना होने पर समिति उग्र आंदोलन के लिए बाध्य रहेगी जिसकी संपूर्ण जवाबदारी शासन प्रशासन की होगी। छत्तीसगढ़ भीम रेजीमेंट जिला इकाई ने भी हत्या का मामला दर्ज कर गिरफ्तारी की मांग की है।गैर ज़िम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही हेतु जिले के समस्त शिक्षक संगठनों द्वारा ठोस रणनीती बनाई जा रही है।
शिक्षक की चूकवश लगी थी ड्यूटी नाम हटाने नहीं दी थी अर्जी
ब्लॉक के 3 हजार से अधिक शिक्षकों की कोविड -19 में ड्यूटी लगी है। सम्बंधित शिक्षक की ड्यूटी चूक वश लगी होगी। उन्होंने ड्यूटी से नाम हटाने कोई लिखित आवेदन या आग्रह नहीं किया था। उनकी सुविधा अनुसार ड्यूटी लगाई थी। मृत शिक्षक व उनके परिवार के प्रति पूरी संवेदना है ।
एल एस जोगी ,बीईओ पोंडी उपरोड़ा