कवर्धा

संत समागम एवं राम कथा कुसुम घटा में पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद
25-Mar-2021 7:00 PM
 संत समागम एवं राम कथा कुसुम घटा  में पहुंचे स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बोड़ला, 25 मार्च। ग्राम कुसुम घटा में 14 से 24 मार्च तक आयोजित पंच कुंडी रूद्र महायज्ञ संत समागम राम कथा के आयोजन  में पहुंचे शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सनातन धर्म के महिमा का बखान किया।

स्वामी जी ने सनातन धर्म के बारे में श्रद्धालुओं को बताते हुए विस्तार से अनेकों  वृतांतो के माध्यम से  सारगर्भित प्रवचन दिया। स्वामी जी ने कुसुम घटा में आयोजित रामकथा संत समागम में श्रद्धालुओं को सनातन धर्म के बारे में जानकारी देते हुए धर्म परिवर्तन, छुआछूत ,भारतीय संस्कृति ,समानता ,असमानता, आदि पर विभिन्न दृष्टांत व वृत्तांतों के माध्यम से लोगों को सनातन धर्म के महत्व के बारे में बताया।

 कुसुम घटा में आयोजित सभा में लोगों के द्वारा स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद से पूछे गए सवाल पर जवाब देते हुए स्वामी जी ने विस्तार से प्रकाश डाला।

उन्होंने कलयुग के चलते चार पीठ के गठन पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए बताया कि कलयुग के चलते सनातन धर्म की रक्षा के  लिए चार पीठ का गठन किया गया था और यही चार पीठ आगे चलकर व्यास गद्दी कहलाया। उन्होंने व्यास गद्दी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए चारों पीठ के शंकराचार्य के सनातन धर्म के प्रति योगदान  के बारे में भी बताया।उन्होंने ओम के विषयों पर अनेक वृतांत के माध्यम से चर्चा करते हुए बताया कि 4 स्वर में से 1 है ओम शब्द अलौकिक है इस प्रकार उन्होंने ओम के महत्व पर महत्व पर प्रकाश डाला एवं सनातन धर्म के विषय में प्रश्न करने वाले श्रद्धालुओं के शंका समाधान को दूर किया।

ग्राम कुसुम घटा में 10 दिन से हो रहे पंच कुंडीय रूद्र महायज्ञ संत समागम और राम कथा में पहुंचे ज्योतिराम मठ बद्रिकाश्रम के  स्वमी अविक्तेमुश्वरानंद को सुनने और दर्शन करने हजारों की संख्या में लोग कल कुसुम घटा पहुंचे। स्वामी जी के मंगल पदार्पण से पहले ही यहां लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। उनके दर्शन के लिए जिले व जिले से बाहर से हजारों की संख्या में श्रद्धालु यज्ञ स्थल पर पहुंचकर उनके प्रवचन का लाभ लिया। बाहर से आए श्रद्धालुओं के लिए यज्ञ आयोजन समिति के द्वारा भंडारा की व्यवस्था की गई थी ।

समापन अवसर पर यज्ञ समिति द्वारा छाया चंद्राकर के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।


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