कवर्धा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बोड़ला ,18 मार्च। ग्राम कुसुम घटा में चल रहे पांच कुंडीय रुद्र महायज्ञ व संत समागम राम कथा के चौथे दिन वाराणसी से पहुंची कथा वाचिका कुमकुम पांडे द्वारा राम चरित्र मानस के संगीतमय राम कथा के वाचन ने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया । उन्होंने राम कथा की शुरुआत करते नारी शक्ति पर बात रखते हो कहा कि धन्य हमारी माताएं, समाज में राजनीति में धर्म में ऐसा कोई भी क्षेत्र नहीं है जिनमें महिला शक्ति या नारी शक्ति आगे नहीं रही हैं ।
उन्होंने रामायण में माता सीता पर बात रखते हुए उन्हें आदि शक्ति कहां गया राजनीति में प्रतिभा पाटिल ने राष्ट्रपति बनकर महिलाओं का सम्मान बढ़ाया रानी लक्ष्मीबाई ने वीरता के क्षेत्र में दुनिया में नाम कमाया इस तरह भारतीय समाज में महिला के बिना किसी भी काम की कल्पना करना नहीं किया जा सकता । महिलाओं के महत्व को प्रतिपादित करते हुए सावित्री सत्यवान की कथा का उल्लेख करते हुए बताया कि सावित्री ने तो यमलोक से जीत कर आ गई थी ।कालिदास तुलसीदास जी के सफलता के पीछे भी महिलाओं के योगदान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि हर सफल पुरुष के पीछे महिलाओं का योगदान होता है ।इसलिए महिलाओं को कमजोर बताना बंद करो और उनका सम्मान कर कहा गया है जहां नारियों की पूजा होती है वहां देवता निवास करते हैं ।
उन्होंने रामचरितमानस के राम विवाह प्रसंग पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि मैया सीता जब छोटी थी तो वह धनुष की पूजा किया करती थी 10 हाथियों से नहीं उठने वाले धनुष को उठाकर बाएं हाथ से उठाकर उन्होंने उसे साफ किया इसे देख महाराजा जनक को एहसास हुआ कि वह उनकी पुत्री सीता आदिशक्ति हैं इसलिए उन्होंने उनके विवाह के लिए स्वयंवर का विधान रचा गया। इस तरह ग्राम कुसुम घटा में आयोजित यज्ञ समारोह में लोगों को रामचरितमानस के महत्व को प्रतिपादित करते हुए उन्होंने नारी शक्ति पर प्रमुखता से अपनी बात रखते हुए श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
बढऩे लगी भीड़
ग्राम कुसुम घटा में आयोजित रूद्र महायज्ञ व संगीत में राम कथा संत समागम के आयोजन की चर्चा आसपास के क्षेत्र में जोर शोर से चल रही है ।यज्ञ आयोजन समिति के द्वारा यज्ञ के प्रचार प्रसार में कोई कमी नहीं की गई जिले से लेकर गांव स्तर तक रूद्र महायज्ञ प्रचार प्रसार के तमाम उपाय किए गए प्रतिदिन समाचार पत्रों में यज्ञ से संबंधित खबर छपने का भी असर पढ़ रहा है ।जैसे जैसे समय बीते जा रहा है यज्ञ स्थल में कथा सुनने वाले श्रद्धालु की भीड़ भी बढ़ते चली जा रही है। 40 से 50 किलोमीटर के दायरे के लोग भी यज्ञ में दूर से आए कथावाचको को सुनने के लिए पहुंच रहे हैं