कांकेर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
चारामा, 27 अगस्त। सक्षम आईआईटी दिल्ली की असिस्टेक लैब, आईआईटी मद्रास की आर2 डी2 लैब और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पीच एंड हियरिंग, केरला के सहयोग से छत्तीसगढ़ में दृष्टि बाधित, श्रवण बाधित और अस्थिबाधित विकलांगता वाले व्यक्तियों के डिजिटल सशक्तिकरण पर एक परियोजना लागू कर रहा है।
कार्यक्रम को हृश्वस्ष्ट्रक्क द्वारा समर्थित किया जा रहा है और इस परियोजना को पूरा करने में सक्षम ने छत्तीसगढ़ विकलांग मंच के साथ साझेदारी की है।
इस दिशा में बस्तर, कोण्डागांव, नारायणपुर , दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर और कांकेर जिलों के श्रवण, दृश्य और शारीरिक विकलांगता वाले 60 व्यक्तियों, जिन्हें जिला चैंपियन के रूप में जाना जाता है, के लिए 23, 24 और 25 अगस्त को जगदलपुर के होटल आकांक्षा में तीन दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया था।
इस प्रशिक्षण के बाद ये जिला चैंपियन अब अपने गांवों में वापस जाएंगे और गैर-प्रौद्योगिकी उपयोगकर्ताओं के बीच अपनी सीख के बारे में जागरूकता फैलाएंगे और तीनों विकलांगताओं वाले व्यक्तियों का एक नेटवर्क बनाएंगे, जिन्हें उनके जीवन को बेहतर बनाने के लिए प्रौद्योगिकी और इसके समाधानों के बारे में जागरूक किया जाएगा।
इस प्रशिक्षण के मास्टर ट्रेनर छत्तीसगढ़ विकलांग मंच के प्रदेश अध्यक्ष ईशवर छाटा, प्रदेश उपाध्यक्ष अरविंद शर्मा, अनिल मानिकपुरी और कार्यक्रम के संचालन हेतु सक्षम दिल्ली से राजीव रतोरी सर उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए राज्य चैंपियन दिलीप पोर्ते, राकेश निर्मलकर और भरत का विशेष सहयोग रहा।