जशपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
जशपुरनगर, 12 दिसंबर। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम ‘चिरायु योजना’ बच्चों के लिए संजीवनी साबित हो रही है। इस योजना ने न केवल कई मासूम बच्चों को नई जिंदगी दी है, बल्कि गरीब परिवारों के चेहरों पर भी फिर से मुस्कान लौटा दी है। कलेक्टर श्री रोहित व्यास के निर्देश पर चिरायु टीम जिले के विभिन्न स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों में सक्रिय रूप से जाकर बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर रही है। गंभीर बीमारी या जन्मजात विकृति पाए जाने पर उन्हें बेहतर स्वास्थ्य संस्थानों में निशुल्क उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसी क्रम में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, जिला नोडल अधिकारी चिरायु के मार्गदर्शन में विकासखंड पत्थलगांव की चिरायु टीम के द्वारा अलग-अलग स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर जन्मजात हृदयरोग, कटे-फटे होंठ एवं तालू तथा अन्य शल्य-चिकित्सा योग्य बीमारियों से पीडि़त बच्चों की पहचान की गई।
बीमारी की पुष्टि होने पर 3 बच्चों को रायपुर ले जाकर उनका सफल एवं नि:शुल्क ऑपरेशन कराया गया। इनमें आंगनबाड़ी केंद्र गौटियापारा, कोतबा में जांच के दौरान 4 वर्षीय समीर खडिय़ा जन्मजात हृदयरोग से पीडि़त पाए गए। चिरायु टीम ने उन्हें रायपुर भेजकर नि:शुल्क हृदय ऑपरेशन कराया। इसी प्रकार प्राथमिक शाला धनुपारा, मुड़ाबहला में 8 वर्षीय स्तुति तिर्की में जन्मजात हृदयरोग पाया गया, जिनका सफल उपचार कराया गया और आंगनबाड़ी केंद्र कार्राडांड, चिकनीपानी के 01 वर्षीय जॉन्सन टोप्पो के होंठ एवं तालू में विकृति पाए जाने पर उनका भी रायपुर में नि:शुल्क ऑपरेशन किया गया। आज तीनों बच्चे स्वस्थ हैं और उनके मासूम चेहरों की मुस्कान माता-पिता के जीवन में नई उम्मीद और सुकून भर रही है।
परिजनों ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और चिरायु टीम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि गरीब परिवारों के लिए यह योजना किसी वरदान से कम नहीं है। सरकार ने उनकी पीड़ा को समझकर बच्चों का उपचार नि:शुल्क कराकर उन्हें नया जीवन दिया है।
उल्लेखनीय है कि चिरायु योजना के तहत आंगनबाड़ी केंद्रों और स्कूलों में जाकर बच्चों की संपूर्ण स्वास्थ्य जांच की जाती है। जांच के बाद 44 प्रकार की बीमारियों और विकृतियों की पहचान कर आवश्यकता अनुसार बच्चों को देशभर के श्रेष्ठ अस्पतालों में भेजकर उनका उपचार कराया जाता है।


