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'द डेली स्टार' के संपादक महफ़ूज़ अनम ने कहा कि पत्रकारों की निजी सुरक्षा को लेकर चिंता अब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की मांग से भी आगे निकल गई है. उन्होंने यह बात 'द डेली स्टार' के कार्यालय पर हुए हमले के बाद कही है.
बांग्लादेश में स्टूडेंट लीडर उस्मान हादी की हत्या के बाद भड़की हिंसा में दो मीडिया संस्थानों 'द डेली स्टार' और 'प्रथम आलो' के कार्यालयों में आगजनी और तोड़फोड़ हुई थी.
इसके विरोध में सोमवार को ढाका के सोनारगांव होटल में एक कार्यक्रम 'बांग्लादेश अंडर मॉब वायलेंस' आयोजित किया गया.
'प्रथम आलो' के मुताबिक़, 'द डेली स्टार' के कार्यालय में हमले पर बात करते हुए महफ़ूज़ अनम ने कहा कि कम से कम 26-27 पत्रकार छत पर फंस गए थे और फ़ायर सर्विस को वहां तक पहुंचने से रोका गया.
उन्होंने कहा, "हमने सोशल मीडिया पर देखा है कि वे लोग कह रहे हैं कि डेली स्टार और प्रथम आलो के पत्रकारों को ढूंढकर उनके घरों में मार दिया जाना चाहिए."
इस घटना को 'निर्मम' बताते हुए महफ़ूज़ अनम ने कहा कि इससे पत्रकारों की निजी सुरक्षा का मुद्दा सबसे आगे आ गया है. उन्होंने पत्रकारों से अपील की कि वे अपनी जान की सुरक्षा की मांग को लेकर एकजुट हों. (bbc.com/hindi)


