अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मोहम्मद इसहाक़ डार ने एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान दावा किया कि पाकिस्तान अफ़ग़ानिस्तान के अंदर कार्रवाई करना चाहता था, लेकिन क़तर ने उसे रोक दिया और मध्यस्थता की पेशकश की.
बीबीसी उर्दू के अनुसार, इस्लामाबाद में इसहाक़ डार ने कहा, "अफ़ग़ान तालिबान को अपनी नीति पर दोबारा विचार करना होगा क्योंकि वह सरकार में हैं. हम उनसे कुछ नहीं चाहते, हम सब कुछ करने को तैयार हैं, लेकिन जब से उनकी सरकार सत्ता में आई है, हमारे चार हज़ार अधिकारियों और सैनिकों के शव मिले हैं, 20 हज़ार से ज़्यादा घायल हुए हैं, तो मैं कैसे कह सकता हूं कि हमें अपनी आंखें बंद रखनी चाहिए?"
विदेश मंत्री इसहाक़ डार के मुताबिक़, "क़तर के विदेश मंत्रालय को पता चल गया था कि हम (अफ़ग़ानिस्तान के ख़िलाफ़) कार्रवाई करने की ओर बढ़ रहे हैं, तब क़तर ने इस मुद्दे के समाधान और मध्यस्थता का अनुरोध किया, जिसके बाद उस रात होने वाला ऑपरेशन रोक दिया गया."
उन्होंने कहा, "अल्लाह ने पाकिस्तान को ताक़त दी है. हम इस पर कार्रवाई कर सकते हैं और चीज़ों को सही कर सकते हैं, लेकिन यह भी सही नहीं है कि हम अपने भाई के घर जाएं और उसे मार दें."
इसहाक़ डार ने कहा, "क़तर एक ऐसा देश है जिसका विदेश मंत्रालय हर घंटे हमसे संपर्क में था और उन्हें पता था कि हम कार्रवाई की ओर बढ़ रहे हैं. फिर क़तर से एक संदेश आया, जिसके बाद उस रात होने वाला ऑपरेशन रोक दिया गया, लेकिन फिर इस मध्यस्थता से कुछ नहीं निकला."
अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान के रिश्तों में आजकल तनाव दिख रहा है. पिछले दिनों कई ऐसी घटनाएं हुई हैं, जिसे लेकर पाकिस्तान का रुख़ कड़ा रहा है.
कुछ दिन पहले भी इस्लामाबाद में आत्मघाती हमला हुआ था, जिसने देश की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं. (bbc.com/hindi)


