अंतरराष्ट्रीय
ग़ज़ा में इसराइल के सैन्य कार्रवाई में अब तक 70 हज़ार से ज़्यादा फ़लस्तीनी मारे गए हैं. यह जानकारी हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है.
इसराइल और हमास के बीच 10 अक्तूबर से लागू युद्धविराम के बावजूद मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है.
इसराइल का कहना है कि युद्धविराम के उल्लंघन की वजह से उसने कई हवाई हमले किए हैं. कई शव अब भी मलबे से निकाले जा रहे हैं.
शनिवार को इसराइली ड्रोन हमले में मारे गए लोगों में दो युवा भाई, फदी और जुमा अबू अस्सी भी शामिल थे, जिनके परिवार ने बताया कि जब वे मारे गए तब वो लकड़ी इकट्ठा कर रहे थे.
इसराइली डिफ़ेंस फ़ोर्सेज़ (आईडीएफ़) ने बीबीसी को बताया कि उन्होंने उन दो संदिग्धों को निशाना बनाया था, जो तथाकथित 'येलो लाइन' पार कर गए थे.
यह लाइन उस जगह को दिखाती है, जहां तक इसराइली सेना ने वापस जाने पर सहमति दी थी. यह युद्धविराम अमेरिका की मध्यस्थता से सात हफ़्ते से ज़्यादा समय पहले हुआ था.
ग़ज़ा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि फ़लस्तीनियों की कुल मौतों का आंकड़ा अब 70,100 हो गया है.
मंत्रालय के मुताबिक़ इनमें से 350 से ज़्यादा मौतें 10 अक्तूबर के युद्धविराम के बाद हुई हैं.
इसराइल के दक्षिण इलाक़े में हमास ने 7 अक्तूबर 2023 को हमला किया था. उस हमले में क़रीब 1,200 लोगों की मौत हुई थी और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया था. इसके जवाब में इसराइली सेना ने ग़ज़ा में अपनी कार्रवाई शुरू की थी. (bbc.com/hindi)


