अंतरराष्ट्रीय

शेख़ हसीना को मिली मौत की सज़ा को भारत समेत दुनियाभर की मीडिया ने कैसे रिपोर्ट किया
18-Nov-2025 11:20 AM
शेख़ हसीना को मिली मौत की सज़ा को भारत समेत दुनियाभर की मीडिया ने कैसे रिपोर्ट किया

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को सोमवार को मौत की सज़ा सुनाई गई. इस ख़बर को दुनियाभर की मीडिया ने प्रमुखता से दिखाया.

अमेरिकी अख़बार 'न्यूयॉर्क टाइम्स' ने अपनी रिपोर्ट में किसी देश की पूर्व सरकार के शीर्ष नेता को किसी मामले में दोषी ठहराने और उसे सज़ा सुनाए जाने के मायने को बताते हुए इसका विस्तार से विश्लेषण किया है.

ब्रिटेन के दैनिक अख़बार 'द गार्डियन' ने भी इस फ़ैसले के महत्व पर ज़ोर दिया. अख़बार ने बांग्लादेश में पिछले साल हुए राजनीतिक पतन और मानवाधिकार संगठनों की चिंताओं का भी ज़िक्र किया. इसके साथ ही उसने ट्राइब्यूनल के व्यापक सबूतों के बारे में भी रिपोर्ट किया.

भारतीय अंग्रेज़ी अख़बार 'द टाइम्स ऑफ़ इंडिया' ने इस फ़ैसले से बांग्लादेश में अशांति की आशंका पर ज़ोर दिया. अख़बार ने अपनी रिपोर्ट में क्षेत्रीय सुरक्षा, भारत की कूटनीतिक स्थिति और इस तथ्य पर बात की कि शेख़ हसीना अब भी भारत में हैं.

वहीं, 'द हिंदू' ने कहा कि शेख़ हसीना को मौत की सज़ा सुनाना बांग्लादेश की राजनीति के नए दौर की शुरुआत है. अख़बार ने इस मसले का विश्लेषण किया है, जिसमें दक्षिण एशिया में व्यापक भू-राजनीतिक बदलावों और भारत-बांग्लादेश संबंधों का ज़िक्र है.

पाकिस्तान के प्रमुख दैनिक अख़बार 'डॉन' ने क्षेत्रीय स्थिरता, सीमा-पार तनाव और फ़ैसले के बाद संभावित हिंसा के जोखिम पर ज़ोर दिया.

चीन की न्यूज़ एजेंसी शिन्हुआ ने इस घटनाक्रम की राजनीतिक व्याख्या करने से परहेज किया. एजेंसी ने सरकारी बयानों और क्षेत्रीय स्थिरता पर ध्यान दिया.

वहीं, रूस की सरकारी एजेंसी तास ने भी अदालत के फ़ैसले, सरकारी संस्थाओं की प्रतिक्रियाएं और अदालत में शेख़ हसीना की अनुपस्थिति का ज़िक्र करते हुए रिपोर्ट किया.

क़तर के अल-जज़ीरा ने इस मामले को कवर करने के लिए पूरे दिन लाइव ब्लॉग चलाया. इसमें अपडेट्स, विशेषज्ञों की टिप्पणी और ढाका के वीडियो दिखाए.

दुनियाभर के मीडिया संस्थानों ने इस फ़ैसले को ऐतिहासिक बताया. (bbc.com/hindi)


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