अंतरराष्ट्रीय
बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख़ हसीना को सुनाई गई मौत की सज़ा को उनकी पार्टी आवामी लीग ने ख़ारिज कर दिया है. पार्टी ने एक बयान जारी कर अदालत के इस फ़ैसले को 'दुर्भावनापूर्ण और बदले की भावना' से प्रेरित बताया है.
आवामी लीग ने कहा, "हमें भरोसा है कि बांग्लादेश की जनता, अवामी लीग और सभी मुक्ति संग्राम समर्थक ताक़तें इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ आंदोलन खड़ा करेंगी."
इसके साथ ही आवामी लीग ने 18 नवंबर को बांग्लादेश में बंद का एलान किया है. पार्टी ने 19 से 21 नवंबर तक तक देश भर में विरोध प्रदर्शन की भी बात कही है.
आवामी लीग ने अपने बयान में बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और शेख़ हसीना को सज़ा सुनाने वाले ट्राइब्यूनल पर भी सवाल उठाए हैं.
बयान में कहा गया, "एक निर्वाचित सरकार की जगह अवैध, असंवैधानिक, गैर-निर्वाचित फासीवादी यूनुस और उसके सहयोगियों ने ग़ैर-क़ानूनी ढंग से देश की सत्ता पर क़ब्ज़ा कर लिया है. इसके बाद अंतरराष्ट्रीय सिद्धांतों का उल्लंघन करते हुए एक अवैध ट्राइब्यूनल स्थापित किया."
आवामी लीग ने कहा, "यह ट्राइब्यूनल पूरी तरह अवैध, दुर्भावनापूर्ण, बदनीयत और प्रतिशोध से प्रेरित है. यूनुस ने अवैध तरीक़े से हड़पी गई सत्ता को बचाने के लिए शेख़ हसीना के ख़िलाफ़ यह हिंसक क़दम उठाया है."
बयान में कहा गया कि शेख़ हसीना पर चलाया गया मुक़दमा 'एक नाटक से ज़्यादा कुछ नहीं' है. (bbc.com/hindi)


