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दुर्घटना की जांच से और सवाल उठे, किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी : एअर इंडिया के सीईओ
14-Jul-2025 7:35 PM
दुर्घटना की जांच से और सवाल उठे, किसी निष्कर्ष पर पहुंचना जल्दबाजी होगी : एअर इंडिया के सीईओ

नयी दिल्ली, 14 जुलाई। एअर इंडिया के सीईओ ने कहा कि पिछले महीने एअर इंडिया की उड़ान संख्या एआई171 के दुर्घटनाग्रस्त होने की प्रारंभिक रिपोर्ट ने और अधिक प्रश्न खड़े कर दिए हैं। उन्होंने पायलटों और विमान की फिटनेस का बचाव करते हुए कहा कि रिपोर्ट में किसी भी यांत्रिक या रखरखाव संबंधी मुद्दे का उल्लेख नहीं किया गया है।

मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) कैम्पबेल विल्सन ने कहा कि अहमदाबाद में 12 जून को हुई विमान की दुर्घटना की जांच अभी पूरी नहीं हुई है, लिहाज़ा लोगों को जल्दबाजी में कोई निष्कर्ष नहीं निकालने चाहिए। इस हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से एक को छोड़कर सभी की मौत हो गई थी तथा विमान के एक इमारत से टकराने के कारण 19 अन्य लोगों की जान चली गई थी।

एयरलाइन के कर्मचारियों को भेजे गए एक आंतरिक ज्ञापन में उन्होंने कहा, "प्रारंभिक रिपोर्ट के जारी होने से हमारे साथ-साथ दुनिया को भी जो कुछ हुआ उसके बारे में अतिरिक्त विवरण मिलने लगे। इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इससे न केवल अधिक स्पष्टता मिली, बल्कि अतिरिक्त प्रश्न भी उठे।"

उन्होंने कहा कि ईंधन की गुणवत्ता में कोई समस्या नहीं थी और ‘टेक-ऑफ रोल’ में भी कुछ असामान्य नहीं था तथा पायलटों ने उड़ान से पहले श्वास विश्लेषक परीक्षण पास कर लिया था और उनकी चिकित्सा स्थिति के संबंध में कुछ भी असामान्य नहीं पाया गया था।

‘टेक ऑफ रोल’ वह चरण होता है जब एक विमान रनवे (हवाई पट्टी) पर दौड़ता है ताकि वह उड़ान भरने के लिए पर्याप्त गति प्राप्त कर सके।

इस घातक दुर्घटना के कारणों को लेकर विभिन्न हलकों में चल रही अटकलों के बीच एअर इंडिया के प्रमुख ने कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट में न तो कोई कारण बताया गया है और न ही कोई सिफारिश की गई है। उन्होंने सभी से आग्रह किया कि वे समय से पहले कोई निष्कर्ष निकालने से बचें, क्योंकि जांच अभी पूरी नहीं हुई है।

वायु यान दुर्घटना अन्वेषण ब्यूरो (एएआईबी) ने एअर इंडिया के बोइंग 787-8 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने पर शनिवार को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की जिसमें 12 जून को 260 लोग मारे गए थे।

विल्सन ने कर्मचारियों को दिए एक संदेश में कहा कि प्रारंभिक रिपोर्ट में विमान या इंजन में कोई यांत्रिक या रखरखाव संबंधी समस्या नहीं पायी गयी है तथा अनिवार्य रखरखाव संबंधी सभी कार्य पूरे किए जा चुके थे।

विल्सन ने कहा कि दुर्घटना के कुछ दिनों के भीतर अत्यधिक सावधानी बरतते हुए और डीजीसीए की निगरानी में बेड़े में शामिल प्रत्येक बोइंग 787 विमान की जांच की गई और उन्हें सेवा के लिए उपयुक्त पाया गया है।

उन्होंने कहा, ‘‘हम सभी विमानों की आवश्यक जांच जारी रखेंगे और भविष्य में भी जिस भी जांच की सिफारिश अधिकारी करेंगे, वह भी की जाएगी।’’

सीईओ ने कहा कि एयरलाइन जांचकर्ताओं के साथ सहयोग करना जारी रखेगी ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उनके पास गहन और व्यापक जांच करने के लिए आवश्यक सभी जानकारी मौजूद हो।

उन्होंने कहा कि पिछले 30 दिनों के दौरान ऐसी अटकलों, आरोपों, और सनसनीखेज सुर्खियों का एक दौर चलता रहा, जिनमें से कई बाद में गलत साबित हो गए।

विल्सन ने कहा, ‘‘जब तक कोई अंतिम रिपोर्ट या कारण प्रस्तुत नहीं किया जाता, तब तक निस्संदेह नयी अटकलें तथा और भी सनसनीखेज सुर्खियां सामने आती रहेंगी... हम अपने मुख्य लक्ष्यों से भटकें नहीं: शोकसंतप्त और घायल लोगों के साथ खड़े रहें, एक टीम के रूप में मिलकर काम करें और दुनिया भर में अपने ग्राहकों को एक सुरक्षित व विश्वसनीय हवाई यात्रा अनुभव प्रदान करें।’’

उन्होंने इस बात पर भी ज़ोर दिया कि एयरलाइन को अपने कार्य पर केंद्रित रहना चाहिए और ईमानदारी, उत्कृष्टता, ग्राहकों पर ध्यान, नवाचार और सामूहिक रूप से काम करने जैसे मूल्यों के प्रति प्रतिबद्ध रहना चाहिए।

एएआईबी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि एअर इंडिया की उड़ान एआई-171 के दोनों इंजन में ईंधन पहुंचाने वाले स्विच उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड में बंद हो गए थे जिससे वह तुरंत ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।

पंद्रह पन्नों की रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘कॉकपिट वॉयस रिकार्डिंग’ में सुना गया कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि उसने ईंधन क्यों बंद किया तो जवाब मिला कि उसने ऐसा नहीं किया।

‘इंडियन कॉमर्शियल पायलट्स एसोसिएशन’ (आईसीपीए) ने रविवार को कहा कि पिछले महीने दुर्घटनाग्रस्त एआई171 उड़ान के चालक दल ने चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपने प्रशिक्षण और जिम्मेदारियों के अनुरूप काम किया तथा पायलटों को अटकलों के आधार पर बदनाम नहीं किया जाना चाहिए।

एएआईबी के पूर्व प्रमुख अरबिंदो हांडा ने रविवार को कहा कि प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर पायलटों की भूमिका पर निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी और इसलिए अंतिम रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए जिसमें दुर्घटना के सबसे संभावित कारण का उल्लेख होगा। (भाषा)


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