अंतरराष्ट्रीय
टाटू सिटी में शुद्ध पानी, अच्छे स्कूल, रोजगार के बढ़िया मौके और साफ सुथरे अस्पताल जैसी कई बढ़िया व्यवस्थाएं हैं. लेकिन सरकारी तंत्र में मौजूद भ्रष्टाचार इसे दीमक की तरह कुतरना चाहता है.
डॉयचे वैले पर सोनम मिश्रा का लिखा-
पूर्वी अफ्रीका में बसा टाटू, दुनिया का पहला ऐसा शहर है जो कि पूरी तरह से एक निजी कंपनी ने बनाया है. केन्या में होने वाले विदेशी निवेश का लगभग दो-तिहाई हिस्सा केवल इस शहर में आया है. केन्या की राजधानी नैरोबी के किनारे बसे, टाटू में लगभग 25,000 लोग रहते है और काम करते हैं.
कम टैक्स होने के कारण यह शहर काफी लोकप्रिय है. यूरोप की कंपनी हाइनेकेन से लेकर कॉफी ब्रांड डॉर्मन्स तक यहां हैं. एक बड़ी कॉल सेंटर कंपनी व एक कोल्ड-चेन ट्रांसपोर्ट कंपनियों सहित 100 से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय व्यवसाय यहां शिफ्ट हुए हैं.
लेकिन कुछ स्थानीय राजनेताओं के लिए टाटू शहर भ्रष्टाचार करने का एक रास्ता भी बन गया है. शहर के मालिकों का कहना है कि कुछ गवर्नरों ने बिल्डिंग बनाने का परमिट देने के बदले उनसे करोड़ों डॉलर की जमीन की मांग की है.
‘मुझे यह चाहिए, मुझे वह भी चाहिए'
शहर का निर्माण करने वाली रेंडेवर्स कंपनी के केन्या प्रमुख, प्रेस्टन मेंडनहॉल ने बताया कि कुछ साल पहले "हमारे साथ शहर का चक्कर मारते हुए एक गवर्नर ने अलग-अलग जमीन के टुकड़ों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ‘मुझे यह चाहिए, मुझे वह भी चाहिए.'
अमेरिका कंपनी ने इसके जवाब में सार्वजनिक तौर पर भ्रष्टाचार की आलोचना की. मेंडनहॉल ने कई बार प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्थानीय नेताओं द्वारा की जा रही तथाकथित वसूली की घटनाओं का खुलासा किया. पिछले साल उन्होंने गवर्नर किमानी वामातांगी पर आरोप लगाया था कि उन्होंने टाटू शहर की 54 एकड़ जमीन, जिसकी कीमत लगभग 3.3 करोड़ डॉलर है, उसे मुफ्त में मांगा.
उन्होंने कहा, "वह सोचते है कि विदेशी निवेशक देश छोड़कर चले जाएं लेकिन हम यहां 50 साल की योजना बनाकर आए हैं. अगर कोई हमसे वसूली करने की कोशिश करेगा तो जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक रूप से उसका खुलासा करने में हमे कोई हर्ज नहीं है."
मेंडनहॉल ने बताया, "मेरे खिलाफ चार मानहानि के मामले चल रहे हैं. यह उनका मुझे डराने का तरीका है ताकि वह अपनी मनमानी चला सके.”
उन्होंने आगे बताया, "हालांकि, पहला मामला 2015 का है और अब तक उसमें कोई सुनवाई नहीं हुई है. इसलिए मुझे ज्यादा चिंता नहीं है.”
भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में बंद
मेंडनहॉल का इंतजार रंग लाता दिख रहा है. पूर्व गवर्नर, फर्डिनेंड वाइटिटू अब भ्रष्टाचार के एक मामले में जेल में बंद है. और वामातांगी को भी पिछले महीने भ्रष्टाचार के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया. उनके घर से करीब 13,000 डॉलर कैश बरामद हुआ. हालांकि, यह मामले टाटू शहर से संबंधित नहीं है लेकिन इनकी जड़ में भी भ्रष्टाचार के आरोप हैं.
इसी बीच, टाटू शहर लगातार तरक्की कर रहा है. हालांकि, यहां रहने वाली आबादी अभी भी कम है. लेकिन 5,000 एकड़ में फैले इस शहर में एक सुपरमार्केट, एक हेल्थ क्लिनिक और दो स्कूल भी हैं, जिनमें 5,000 बच्चे पढ़ते हैं. यहां लगभग 2,400 घर है, जिनमें स्टूडियो फ्लैट से लेकर झील के किनारे बने आलीशान बंगले तक शामिल हैं. इनके अलावा 2,000 नए घर भी बन रहे हैं. टाटू शहर बिजली और पानी की सप्लाई के मामले में आत्मनिर्भर है, इसीलिए भी कई लोग यहां शिफ्ट हो रहे हैं. अफ्रीका के अन्य हिस्सों में मौजूद कई चुनौतियां इस शहर में नहीं दिखाई पड़ती हैं.
टाटू शहर में कोल्ड स्टोरेज कंपनी की फैसिलिटी
बिजली और पानी एक बड़ी उपलब्धि
अस्पतालों के लिए मेडिकल ऑक्सीजन बनाने वाली कंपनी, हेवा टेले के कमर्शियल डायरेक्टर, हनिंगटन ओपोट ने बताया, " हमने इसी कारण टाटू शहर को चुना” क्योंकि यह एक ऐसी रासायनिक प्रक्रिया है, जिसमें लगातार बिजली और पानी की जरूरत होती है.
खाद्य और फार्मास्युटिकल कंपनियों के लिए स्टोरेज सुविधा प्रदान करने वाली कंपनी, कोल्ड सॉल्यूशंस ने भी टाटू शहर की मजबूत संरचना की तारीफ की हैं. उसके मैनेजिंग डायरेक्टर, फ्रेड काम्बो ने कहा, "हम यहां अपनी मौजूदगी से दिखाना चाहते थे कि अफ्रीकी लोग भी विश्व स्तरीय सुविधाएं बनाने की क्षमता रखते हैं.”
यूनिटी होम्स ने अब तक यहां 1,500 से भी अधिक अपार्टमेंट बनाए हैं. कंपनी की कमर्शियल डायरेक्टर, मीना स्टर्नब्लड ने बताया, "खरीदारों को यहां मौजूद खेल के मैदान, पार्क, पीने लायक साफ पानी और यह भरोसा कि आपके बालकनी के ठीक सामने कोई इमारत नहीं खड़ी करेगा, जैसी चीजें आकर्षित करती हैं.”
टाटू सिटी, अफ्रीका भर में रेंडेवर्स द्वारा बनाई जा रहे छह शहरों में सबसे विकसित शहर है. केन्या के अलावा डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कॉन्गो, घाना, नाइजीरिया, यूगांडा और जाम्बिया में भी इसी तरह से शहर बनाने की कोशिश की जा रही है.
‘केन्या, इस क्षेत्र का आर्थिक केंद्र'
लेकिन मेंडनहॉल ने बताया कि केन्या के भ्रष्टाचार ने इसके विकास को "सबसे मुश्किल" बना दिया है. पिछले साल केन्या में बड़े पैमाने पर हुए विरोध प्रदर्शनों का मुख्य कारण भ्रष्टाचार ही था. रेंडेवर्स के संस्थापकों ने 1990 के दशक में रूस के अराजक माहौल में भी हार नहीं मानी थी. वह आसानी से डरने वालो में से नहीं है.
हालांकि, इस कंपनी के मालिकों पर भी टैक्स चोरी जैसे आरोप लग चुके हैं, लेकिन वर्षो से चल रही है जांच बावजूद भी अब तक कोई आरोप साबित नहीं हुए हैं. मेंडनहॉल का कहना है कि यह भी वसूली करने की कोशिश का ही परिणाम है.
वह यह भी बताते है कि केन्या की सरकार के कई अधिकारी "बेहद संवेदनशील" भी हैं. ऐसे अधिकारी इस प्रोजेक्ट की सोच को समझते हैं और मानते है कि इसने कई लोगों को रोजगार अवसर दिया है.
भ्रष्टाचार के तमाम दिक्कतों के बावजूद मेंडनहॉल को केन्या पर पूरा भरोसा है. उनका कहना है, "केन्या, इस क्षेत्र का आर्थिक केंद्र है और हम मानते है कि नैरोबी, अफ्रीका की राजधानी बनेगा.” (एएफपी)