अंतरराष्ट्रीय

एक पत्रकार ने दावा किया है कि अमेरिका के शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों ने यमन पर हमले की योजना को लीक कर दिया था.
ये दावा द अटलांटिक के एडिटर इन चीफ़ जेफ़्रा गोल्डबर्ग ने किया है.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उनको इस बारे में कुछ नहीं मालूम. उन्होंने कहा, "मुझे इस बारे में कुछ नहीं मालूम. मेरे लिए तो अटलांटिक एक ऐसी मैगज़ीन है जो बंद होने वाली है."
अमेरिकी रक्षा मंत्री पीट हेगसेथ ने भी पत्रकार के दावे को सही नहीं माना है.
सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "तो आप एक धोखेबाज और बेहद बदनाम तथाकथित पत्रकार के बारे में बात कर रहे हैं. कोई भी वॉर प्लान के बारे में मैसेज नहीं भेज रहा था. मुझे इस बारे में और कुछ नहीं कहना है."
क्या है पत्रकार का दावा
जेफ़्रा गोल्डबर्ग ने दावा किया, “11 मार्च को सिग्नल एप पर मुझे एक मैसेज मिला था. इस अकाउंट की पहचान व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वॉल्ट्ज़ के रूप में बताई गई थी.”
“13 मार्च को इस पर एक नोटिफिकेशन मिला. इसमें बताया गया कि मुझे एक चैट ग्रुप में जोड़ा गया है. इस ग्रुप का नाम ‘हूती पीसी स्मॉल ग्रुप’ था. इसी ग्रुप में यह मैसेज किया गया था कि हूती विद्रोहियों पर हमला करने के लिए इस ग्रुप के ज़रिए कॉर्डिनेशन किया जाएगा.”
उन्होंने बताया, “15 मार्च को मुझे एक और मैसेज मिला. इसमें हूती विद्रोहियों पर हमला किए जाने की बात कही गई थी. दो घंटे बाद इसी चैट ग्रुप में वॉल्ट्ज़ ने लिखा, “ऑपरेशन सफल रहा”.”
अब इस मामले में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के पूर्व ट्रांसपोर्ट सेक्रेटरी पैट बटिगीग ने सवाल उठाया है.
उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, “ये लोग अमेरिका को सुरक्षित नहीं रख सकते हैं.”
वहीं, स्पीकर ऑफ़ द हाउस माइक जॉनसन ने कहा, “ट्रंप प्रशासन ने स्वीकार किया है कि यह एक गलती थी.” (bbc.com/hindi)