अंतरराष्ट्रीय

संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में भारतीय महिला शहज़ादी ख़ान को मौत की सज़ा दी गई है.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक़ दिल्ली हाईकोर्ट को केंद्र सरकार की तरफ़ से एडीशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) ने बताया कि शहज़ादी ख़ान को 15 फ़रवरी को मौत की सज़ा दी जा चुकी है. अब पांच मार्च को उन्हें दफ़नाया जाएगा.
33 साल की शहज़ादी ख़ान उत्तर प्रदेश की रहने वाली थीं. वो संयुक्त अरब अमीरात में एक घर में हाउस हैल्प के तौर पर काम कर रही थीं. वो एक बच्चे की केयर कर रही थीं. उसकी मौत के लिए शहज़ादी ख़ान को ज़िम्मेदार ठहराया गया.
बाद में केस चला और शहज़ादी को इस मामले में दोषी ठहराया गया और मौत की सज़ा सुनाई गई. वो अबू धाबी की एक जेल में बंद थीं.
उनके पिता ने बेटी की सज़ा माफ़ कराने के लिए केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय से इस मामले में दख़ल देने की मांग की थी.
विदेश मंत्रालय की तरफ़ से एडीशनल सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) चेतन शर्मा और एडवोकेट आशीष दीक्षित ने दिल्ली हाईकोर्ट को बताया कि यूएई में भारतीय दूतावास को 28 फ़रवरी 2025 को यूएई सरकार ने बताया कि शहज़ादी को यूएई के क़ानून के मुताबिक़ 15 फ़रवरी को ही मौत की सज़ा दे दी गई थी.
वहीं बीबीसी संवाददाता दिलनवाज़ पाशा से बात करते हुए वकील अली मोहम्मद माज़ ने कहा, “ हमने इस मामले में माफ़ी की अपील की थी. मामला चल रहा था. हमने अबू धाबी में अधिकारियों को ख़त और ईमेल भी लिखे थे. 14 फ़रवरी को हमें अबू धाबी जेल से कॉल आई और बताया गया कि उन्हें जल्द ही फांसी की सज़ा दे दी जाएगी. सरकार ने हाई कोर्ट में बताया कि 15 फ़रवरी को ही उन्हें मौत की सज़ा दे दी गई.” (bbc.com/hindi)