अंतरराष्ट्रीय

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा में रहने वाले तमिल लोगों के साथ मिलकर ‘तमिल हैरिटेज महीने’ का उत्सव मनाया.
ट्रूडो ने इस समरोह का वीडियो एक्स पर शेयर करते हुए लिखा- “ उन सभी को, जिनके साथ हमने जश्न मनाया, और देश भर में रहने वाले तमिल समुदाय के लोगों को तमिल हैरिटेज महीने’ की शुभकामनाएँ.”
इस मौके पर उन्होंने तमिल समुदाय के लोगों को संबोधित करते हुए कहा- “कनाडा में सबसे बड़ी संख्या में तमिल प्रवासी रहते हैं. सालों में तमिल-कनाडाई लोग देश में मज़बूत हुए हैं और कोविड के समय भी आप लोगोंने फ्रंटलाइन पर मोर्चा संभाला."
"तमिल कनाडाई लोग हमारे समाज में कई स्तर पर काम कर रहे हैं. एक प्रधानमंत्री के रूप में मैंने श्रीलंका के सैन्य संघर्ष के दौरान तमिल लोगों पर हुए अत्याचार पर बार-बार उत्तर मांगा है.”
“इस महीने की शुरूआत में ही हमने श्रीलंका के चार अधिकारियों पर प्रतिबंध लगाया जो मानवाधिकारों के उल्लंघन के दोषी पाए गए. हमने कड़ा और साफ़ संदेश दिया है कि कनाडा इस मामले को हल्के में नहीं लेगा.”
बीते साल मई में 18 मई को जस्टिस ट्रूडो ने ‘तमिल नरसंहार स्मरण दिवस’ घोषित किया था जिस पर श्रीलंका ने कड़ा विरोध जताया था.
बीते साल जनवरी में कनाडा ने गृहयुद्ध के दौरान "मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन" करने के मामले में पूर्व राष्ट्रपति गोताबाया राजपक्षे और उनके भाई महिंदा राजपक्षे पर प्रतिबंध लगाया था.
भारत के साथ भी कनाडा के रिश्ता तनाव वक्त से गुज़र रहा है. बीते साल कनाडा ने भारत पर आरोप लगाया कि उसके अधिकारी ख़ालिस्तान समर्थक नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में शामिल हो सकते हैं, और इसके पुख्ता सबूत कनाडा के पास है.
ट्रूडो के इस आरोप के बाद भारत और कनाडा के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया. भारत ने इस आरोप को खारिज किया था और कहा था कि ये ‘बेतूका आरोप’ है.
इस ममाले में कनाडा ने भारत के एक शीर्ष राजनयिक को निकाल दिया था बदले में भारत ने भी शीर्ष राजनयिक को हटा दिया था. (bbc.com/hindi)