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दीर अल बलाह, 26 नवंबर। चरमपंथी संगठन हमास द्वारा 13 इजराइली और चार विदेशी बंधकों को रिहा किए जाने के बाद इजराइल ने कम से कम 36 फलस्तीनी कैदियों को रिहा कर दिया। इसके साथ, इजराइल और हमास के बीच तनावपूर्ण युद्ध विराम आगे बढ़ता नजर आ रहा है।
हमास ने शनिवार को इजराइल पर समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था, जिसके चलते बंधकों और कैदियों की रिहाई में कई घंटों की देरी हुई।
शनिवार देर रात मध्य तेल अवीव में हजारों लोग एकत्रित हुए और उन्होंने हमास द्वारा सात अक्टूबर को बंधक बनाए गए सभी 240 लोगों को रिहा करने की मांग की। उन्होंने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर बंधकों को वापस लाने के लिए पर्याप्त प्रयास नहीं करने का आरोप भी लगाया।
युद्ध में 1,200 से अधिक इजराइली नागरिकों की जानें जा चुकी है। हमास शासित गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 13,300 से अधिक फलस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें लगभग दो तिहाई महिलाएं और बच्चे हैं।
हमास ने रविवार को घोषणा की थी कि उसके शीर्ष कमांडरों में से एक अहमद अल-घंडोर मारा गया है। उसने इस बारे कोई और जानकारी नहीं दी। वह उत्तरी गाजा का प्रभारी था और लड़ाई में मारे गए शीर्ष चरमपंथियों में शामिल है।
हमास ने इजराइल पर सात अक्टूबर को अप्रत्याशित हमला कर करीब 240 लोगों को बंधक बना लिया था, जिसके बाद इजराइल ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए गाजा पट्टी पर हमला किया। कतर, मिस्र और अमेरिका की मध्यस्थता से इजराइल और हमास के बीच शुक्रवार को शुरू हुए चार दिवसीय युद्ध विराम के दौरान कुल 50 इजराइली बंधकों और 150 फलस्तीनी कैदियों को रिहा किया जाना है।
इजराइल ने कहा है कि प्रत्येक अतिरिक्त 10 बंधकों की रिहाई के लिए युद्ध विराम की अवधि को एक दिन आगे बढ़ाया जा सकता है, लेकिन उसने युद्ध विराम समाप्त होने के बाद हमले शुरू करने की बात कही है।
इजराइल ने रविवार तड़के कहा कि उसे बंधकों की एक नई सूची प्राप्त हुई है जिन्हें तीसरे चरण में रिहा किया जाना है।
शुक्रवार सुबह प्रभावी हुए इस युद्धविराम से गाजा के 23 लाख लोगों को राहत मिली, जो पिछले कई हफ्तों से इजराइल द्वारा की जा रही लगातार बमबारी से परेशान हैं और मूलभूत जरूरत की चीजों की आपूर्ति की कमी से जूझ रहे थे। इस बमबारी में हजारों लोगों की जान चली गई, तीन-चौथाई आबादी बेघर हो गई और आवासीय क्षेत्र नष्ट हो गये।
संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि युद्ध विराम से व्यापक स्तर पर खाद्य सामग्री, पानी और दवा की आपूर्ति का रास्ता खुला है। इसके साथ ही, रसोई गैस की आपूर्ति भी शुरू कर दी गई। युद्ध शुरू होने के बाद पहली बार रसोई गैस की आपूर्ति की गई है। (एपी)