अंतरराष्ट्रीय
टॉम बेटमैन
हमास ने 13 इसराइली बंधकों को रिहा कर दिया है और वे मिस्र के रास्ते इसराइल पहुंच चुके हैं.
इसके बाद इसराइली जेलों में बंद 39 फ़लस्तीनी महिलाओं और किशोरों को वेस्ट बैंक में रमल्लाह के पास बेतूनिया चेकप्वाइंट पर रिहा कर दिया गया.
इन फ़लस्तीनी महिलाओं और किशोरों को शुक्रवार को उत्तरी इसराइल की दो जेलों से स्थानांतरित कर कब्ज़े वाले वेस्ट बैंक की एक सैन्य अदालत की इमारत में ले जाया गया था.
माना जा रहा था कि शुक्रवार को इसराइली बंधकों को रेड क्रॉस को सुपुर्द करते समय हमास उन बंधकों की सूची देगा जो अगले दिन रिहा किए जाने हैं.
क़तर ने कहा है कि क़ैदियों की अदला बदली के लिए दोहा में एक ऑपरेशन रूम बनाया हुआ है ताकि संदेशों का आदान-प्रदान किया जा सके और सुनिश्चित किया जा सके कि सुरक्षित माहौल में रिहाई संपन्न हो.
हालांकि अभी भी आशंका बनी हुई है कि युद्ध विराम और बंधकों के पहले जत्थे की रिहाई के बावजूद चीजें ग़लत दिशा में मुड़ सकती हैं. इसलिए सबकी नज़र दोनों ओर से होने वाली रिहाई और आगे की प्रक्रिया पर टिकी हुई है.
रेड क्रॉस ने कहा है कि हमास के कब्ज़े में रहने वाले 24 बंधकों को ग़ज़ा पट्टी में रिहा किया गया है, जिनमें 13 इसराइली नगरिक हैं.
क़तर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स पर लिखा कि 13 इसराइली नागरिकों, 10 थाई नागरिक और एक फ़िलिपींस के नागरिक को रिहा किया गया है.
क़तर ने ही इस महत्वपूर्ण संघर्ष विराम के समझौते की मध्यस्थता की है.
तनावपूर्ण पल
हमास और इसराइल के बीच हुए अस्थाई युद्ध विराम समझौते के तहत शुक्रवार को 13 इसराइली बंधकों और इसराइल की जेलों में बंद 39 फ़लस्तीनियों को रिहा करने का पल बहुत तनावपूर्ण था.
रेड क्रॉस ने हमास की ओर से 24 बंधकों के रिहा करने पुष्टि कर दी थी और जैसे ही रेड क्रॉस के झंडे लगी गाड़ियां ग़ज़ा से निकल कर ग़ज़ा और मिस्र की सीमा पर स्थित रफ़ाह क्रॉसिंग से मिस्र में पहुंचीं वहां मौजूद लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई.
इन बंधकों को तेल अवीव के एक अस्पताल ले जाया गया.
लेकिन इस बीच वेस्ट बैंक में हज़ारों फ़लस्तीनी रमल्लाह के पास बेतूनिया चेकप्वाइंट पर इकट्ठा हो गए. माहौल तनावपूर्ण हो गया.
वेस्ट बैंक में मौजूद बीबीसी संवाददाता लूसी विलियम्सन के मुताबिक, चेकप्वाइंट पर रेड क्रॉस गाड़ी के चारों ओर हज़ारों लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गई थी.
फ़लस्तीनियों का कहना था कि इसराइल की ओर से होने वाली फ़लस्तीनी कैदियों की रिहाई में देर क्यों हो रही है.
रेड क्रॉस गाड़ी के पास इकट्ठा भीड़ नारे लगाने लगी- "कैदी कहां हैं कैदी कहां हैं?" चेकप्वाइंट के पास सड़क पर इसराइली सेना और फ़लस्तीनियों के बीच झड़प हो गई.
फ़लस्तीनियों के समूह को पीछे धकेलने के लिए इसराइल की सेना ने उन पर रबर की गोलियों और आंसू गैस का इस्तेमाल किया.
फ़लस्तीनी कैदियों की रिहाई में हो रही देरी ने थोड़ी देर के लिए उहापोह की स्थिति पैदा कर दी लेकिन अधिकारियों ने कहा कि चेकप्वाइंट पर झड़प की वजह से ये देरी हुई थी.
मार्गलित मेसेस (बाएं) और एडिना मोशे
रिहा होने वाले इसराइली नागरिक
जिन इसराइली नागरिकों को रिहा किया गया है उनमें दो 70 साल से अधिक उम्र की महिलाएं हैं और एक मां और उनकी सात साल की बेटी है.
इनमें एक हैं 78 साल की मार्गालित मोसेस. जो कैंसर सर्वाइवर भी हैं. उन्हें सात अक्टूबर को किबुत्ज़ नीर ओज़ से हमास ने अगवा किया था.
72 साल की एडिना मोशे को भी किबुत्ज़ नीर ओज़ से अगवा किया गया था. हमास ने उनके पति साइद मोशे की हत्या कर दी थी. हमास के हमले के बाद सामने आए एक वीडियो फुटेज से उनके परिजनों ने उनकी पहचान की थी.
उन्हें हमास के दो लड़ाकों के बीच मोटरसाइकिल पर बैठे देखा गया था.
उनके चार बच्चे हैं, माया, याएल, सासोन और एमोस.
डेनिएली एलोनी अपनी छह साल की बेटी के साथ.
इसराइली सेना ने कहा है कि हमास की ओर से रिहा किए गए बंधकों की सेहत ठीक है.
रिहा होने वाले बंधकों में डेनिएली एलोनी और उनकी पांच साल की बेटी एमिलिया भी हैं.
उन्हें भी किबुत्ज़ नीर ओज़ से अगवा किया गया था. हमास के हमले के समय वो अपने परिवार से मिलने के लिए किबुत्ज़ आई हुई थीं.
हमले के दौरान डेनिएली का अंतिम संदेश था कि उनके घर में आतंकवादी घुस आए हैं और उन्हें अब ज़िंदा बचे रहने की उम्मीद नहीं है.
रिहा हुए बंधकों के नाम जारी किए
इसराइली प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू ने एक बयान जारी कर हमास की ओर से रिहा किए गए बंधकों के नामों की सूची जारी की है.
बयान के अनुसार, इसराइली सरकार सभी अपहृत और लापता लोगों की वापसी के लिए दृढ़ संकल्पित है. हमारे नागरिकों की शुरुआती मेडिकल जांच हुई है और उनके परिजनों को सूचना दे दी गई है.
इसके साथ ही 11 अन्य विदेशी नागरिकों को भी रिहा किया गया है.
रिहा हुए इसराइली नागरिकों की सूचीः
एशर परिवारः डोरोन काट्ज़ एशर (34 साल), राज़ एशर (चार साल) और एविव एशर (दो साल).
एलोनी परिवारः डेनिएली एलोनी (45 साल) और एमिलिया एलोनी (5 साल).
मुंदेर परिवारः रुथ मुंदेर (78 साल), केरेन मुंदेर (54 साल) और ओहद मुंदेर (9 साल).
एडिना मोशे (72 साल), हान्ना काट्ज़िर (76), मार्गेलिट मोसेस (77 साल), शानाह पेरी (79 साल), याफ़ा एडर (85 साल).
युद्धविराम के पहले दिन क्या क्या हुआ?
- हमास ने पहले थाईलैंड के 12 नागरिकों को छोड़ा. इसके बाद 13 इसराइली बंधकों को रेड क्रॉस के हवाले किया.
- योजना के तहत इन्हें मिस्र से होते हुए इसराइल के दक्षिण में हात्ज़ेरिम सैन्य ठिकाने पर ले जाया जाएगा.
- यहां सबसे पहले इनकी स्वास्थ्य जांच (फ़िज़िकल और मानसिक स्वास्थ्य) की जाएगी जिसके बाद इन्हें अस्पताल भेजा जाएगा. यहीं पर वो अपने परिजनों से मिल सकेंगे.
- शर्तों के अनुसार इसराइल वेस्ट बैंक की सीमा के पास 39 फ़लस्तीनी कैदियों को वेस्ट बैंक में रिहा कर दिया गया, जिनमें 18 साल से कम उम्र की 24 लड़कियां और 15 लड़के हैं.
- इससे पहले वेस्ट मैंक में फ़लस्तीनियों और इसराइली सैनिकों के बीच झड़प हुई.
युद्धविराम की शर्तों में क्या-क्या?
- इसराइल और हमास के बीच बंधकों और कैदियों को लेकर हुई डील के तहत तय हुआ कि चार दिनों में हमास ग़ज़ा में बंधक बनाकर रखे गए 50 इसराइलियों (बच्चों और महिलाओं) को छोड़ेगा, वहीं इसराइल की जेलों में बंद क़रीब 300 फलस्तीनियों में से 150 को रिहा किया जाएगा.
- इसके बाद हर दस इसराइली बंधकों को छोड़ने पर इसराइल युद्धविराम को एक दिन के लिए बढ़ाएगा.
- बुधवार, 22 नवंबर को मिस्र और अमेरिका की मदद से और क़तर की मध्यस्थता से दोनों पक्षों के बीच यु्द्धविराम पर सहमति बनी थी.
- युद्धविराम शुक्रवार, 24 नवंबर को स्थानीय समयानुसार सवेरे 7.00 बजे (5.00 जीएमटी) लागू हुआ.
- युद्धविराम उत्तरी और दक्षिणी ग़ज़ा दोनों ही हिस्सों में लागू हुआा.
- बंधकों की रिहाई के अलावा राहत सामग्री से लदे 200 ट्रक और ईंधन से लदे 4 ट्रकों को ग़ज़ा में घुसने की इजाज़त दी गई है. (bbc.com)
https://dailychhattisgarh.com/uploads/upload_images/1700896618bc2.JPG |