अंतरराष्ट्रीय

-टॉम बैटमैन
इसराइली बंधकों के परिवारों की ओर से जो एक बात बार-बार कही जा रही है वो ये कि जब तक उनके प्रियजन उनके पास नहीं आ जाते तब तक उन्हें यकीन नहीं है कि वो आने वाले हैं.
ये बात दिखाती है कि दोनों ही पक्षों को एक दूसरे पर विश्वास नहीं है और ऐसा होने की ज़ाहिर वजहें भी हैं.
इस सप्ताह की शुरुआत में मैं इसराइली बंधकों के एक पूर्व नेगोशिएटर की प्रेस कॉन्फ़्रेंस में गया था उन्होंने बताया कि एक बात जो साफ़ है कि इसराइल और हमास दोनों ही एक दूसरे पर बिलकुल भरोसा नहीं करते, तो डील में दोनों ही पक्ष मध्यस्थ पर भरोसा भी जताते हैं और उनका सम्मान भी करते हैं. मध्यस्थता के मामले में क़तर काफ़ी अच्छा कर रहा है.
उन लोगों ने कई जटिल शर्तों पर दोनों पक्षों को राज़ी किया. रेड क्रॉस भी बंधकों को छोड़े जाते समय वहां मौजूद होगा.
इसराइल ग़ज़ा पर छह घंटे तक ड्रोन सर्विलांस भी रोकेगा. ऐसा इसलिए किया जा रहा क्योंकि हमास को डर है कि अगर सर्विलांस नहीं रोका गया तो इसराइल ये पता लगा सकता है कि बाकी के बंधक कहां रखे गए हैं.
हालांकि इसराइली अधिकारी ये कह चुके हैं कि ड्रोन के अलावा भी उनके पास इटेलीजेंस जुटाने के कई तरीके हैं.
क़तर ने बताया है कि इसराइल और हमास के बीच बंधकों को लेकर हुई डील के तहत अस्थायी युद्ध विराम शुक्रवार सुबह 7 बजे (स्थानीय समयानुसार) से लागू होगा.
ये युद्ध विराम उत्तरी और दक्षिणी ग़ज़ा दोनों ही हिस्सों में लागू होगा. 13 इसराइली बंधक शुक्रवार शाम 4 बजे छोड़े जाएंगे और ये सभी महिलाएं और बच्चे होंगे.
डील के मुताबिक़ हमास 50 इसराइली बंधकों को छोड़ेगा और इसराइल 150 फ़लस्तीनी कैदियों को रिहा करेगा. साथ ही चार दिनों तक युद्ध विराम रहेगा. (bbc.com/hindi)