अंतरराष्ट्रीय
इसराइल-हमास संघर्ष के बीच आगे की रणनीति को लेकर भी चर्चा हो रही है.
इसराइल में कई तबके चर्चा कर रहे हैं कि अगर इसराइल हमास को 'हमेशा के लिए निपटाना' चाहता है तो आगे क्या किया जाना चाहिए? इसे लेकर कई लोगों की राय है कि हमास पर जमीन के रास्ते हमला किया जाए.
बीबीसी के सुरक्षा संवाददाता फ्रैंक गार्डनर लिखते हैं, हालांकि इतिहास में जाकर देखें तो ऐसा कर पाना असंभव की तरह है. इसराइल ने 2014 में ग़ज़ा पर हमला किया था. तब 2,000 से ज़्यादा फ़लस्तीनी लोगों की मौत हुई और इन मौतों ने युवाओं में इसराइल के प्रति कट्टरपंथ की भावना को बढ़ाया ही था. हमास इसके बाद भी सीमा पार रॉकेट दागता ही रहा.
ऐसा अनुमान लगाया जाता है कि हमास के पास 30,000 लड़ाके हैं. वे ग़ज़ा के इलाकों को अच्छी तरह जानते हैं. उन्हें हमला करने वाले के मुकाबले यहां के सुरंग, बंकर से लेकर गलियों का अच्छी तरह अंदाजा है. और इस तरह की घनी आबादी वाले इलाके में टैंक का काम करना काफी मुश्किल है और जमीन पर छुप कर हमले करना असंभव जैसा है.
अगर सैन्य अभियान के लिहाज से भी सोचें तो भले कुछ समय के लिए सफलता मिल जाए लेकिन जब तक शांति समझौता नहीं होता तब तक हमास पर पूरी तरह काबू पाना मुश्किल है.
ऐसे में ये संभव है कि हमास फिर से खुद को मजबूत कर ले. (bbc.com/hindi)


