अंतरराष्ट्रीय
इसराइल में शनिवार को हज़ारों की संख्या में लोगों ने प्रधानमंत्री बिन्यामिन नेतन्याहू की नई सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन किए.
समाचार एजेंसी एएफ़पी के मुताबिक नई सरकार को अब तक कि सबसे ज़्यादा दक्षिणपंथी झुकाव रखने वाली सरकार कहा जा रहा है.
राजधानी तेल अवीव में हुए इन विरोध प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने ''लोकतंत्र ख़तरे में'' और ''फ़ासीवाद और रंगभेद के ख़िलाफ़ एकजुटता'' के नारे लगाए.
कुछ लोगों ने इसराइल का झंडा और समलैंगिकता की पहचान बना रेनबो झंडा हाथ में लिया हुआ था.
कुछ के हाथ में ''क्राइम मिनिस्टर'' लिखे बैनर थे. पिछले कुछ सालों में नेतन्याहू के ख़िलाफ़ होने वाले विरोध प्रदर्शनों में इस नारे का इस्तेमाल किया जाता रहा है.
एक नवंबर को हुए चुनाव के बाद नेतन्याहू ने पिछले महीने पदभार संभाला है.
उनकी गठबंधन सरकार में धुर दक्षिणपंथी और अति-रूढ़िवादी यहूदी दल भी शामिल हैं. इन दलों के कुछ अधिकारियों को प्रमुख मंत्रालय भी दिए गए हैं.
इनमें से एक नेता ने पिछले साल के अंत में कर चोरी की बात स्वीकार की थी.
ऐसे नेता भी शामिल हैं जिनमें से एक ने अपने घर में ऐसे शख़्स की तस्वीर रखी है जिसने प्रार्थना करने वाले फ़लस्तीनियों की हत्या की थी. 73 साल के नेतन्याहू पर भी भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं.
नेतन्याहू इसराइल के इतिहास में सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे हैं. उन्होंने 1996-1999 और 2009 से 2021 तक देश का नेतृत्व किया है.
नई सरकार की नीतियों की बात करें तो सरकार ने कब्जे़ वाले वेस्ट बैंक में बस्तियों के विस्तार की नीति को आगे बढ़ाने के इरादे की घोषणा की है.
साथ ही सरकार ऐसे सामाजिक सुधारों पर भी काम कर सकती है जो समलैंगिक समुदाय के सदस्यों और समर्थकों को चिंतित करने वाले हैं.
इसके अलावा नए न्याय मंत्री ने इस हफ़्ते जिन सुधार कार्यक्रमों की घोषणा की है उनके मुताबिक संसद सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को भी पलट सकती है. (bbc.com/hindi)


