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टोरंटो, 7 नवंबर | कनाडा में भारतीय अप्रवासियों समेत अन्य देशोंे के आप्रवासी नौकरी हासिल कर देश की श्रम शक्ति की कमी को पूरा कर रहे हैं। यह जानकारी राष्ट्रीय सांख्यिकी एजेंसी के एक नए सर्वेक्षण में सामने आई है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि पांच वर्षों में कनाडा में आने वाले प्रवासियों की रोजगार दर 70.7 प्रतिशत थी, जो कोविड के पूर्व अक्टूबर 2019 की तुलना में अधिक है।
सर्वेक्षण में पाया गया कि 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के 62 प्रतिशत से अधिक अप्रवासी कार्यरत हैं। 2021 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार कनाडा की 23 प्रतिशत आबादी अप्रवासी है।
2016 और 2021 के बीच अप्रवासियों ने कनाडा की श्रम शक्ति वृद्धि में लगभग 80 प्रतिशत योगदान दिया।
इस दौरान 1 लाख 19 हजार पूर्णकालिक पद भरे गए। अक्टूबर 2021 में पूर्णकालिक रोजगार की दर 3 प्रतिशत बढ़ गई। नौकरी में वृद्धि मुख्य रूप से 25-54 आयु वर्ग में हुई।
सर्वेक्षण से पता चला है कि देश के ओंटारियो, क्यूबेक, प्रिंस एडवर्ड आइलैंड, न्यूफाउंडलैंड और लैब्राडोर, सस्केचेवान और मैनिटोबा में अधिकांश नए रोजगार पैदा हुए।
गौरतलब है कि ओंटारियो और ब्रिटिश कोलंबिया में भारतीयों की तादाद अधिक है। इसके बाद अल्बर्टा और क्यूबेक में भी इनकी संख्या अधिक है।
पिछले हफ्ते 2023-2025 के लिए आप्रवासन योजना की घोषणा करते हुए कनाडा ने था कहा कि देश में पांच लाख नए लोगों को समायोजित करने की तैयारी की जा रही है।
नौकरी की बेहतर संभावनाओं और बेहतर जीवन के लिए बड़ी संख्या में भारतीय कनाडा की ओर पलायन कर रहे हैं।
2021 में लगभग 1 लाख भारतीय कनाडा के स्थायी निवासी बन गए।
कनाडा का अनुमान है कि देश में अप्रवासी आबादी में वृद्धि जारी रहेगी और 2041 तक यह बढ़कर 34 प्रतिशत तक हो जाएगी।
कनाडा में नियोक्ता लगभग एक मिलियन नौकरियों को भरने की मांग कर रहे हैं। (आईएएनएस)