गरियाबंद

ग्रामीण अंचल में दीपावली हर्षोल्लास के साथ मना
25-Oct-2025 4:00 PM
ग्रामीण अंचल में दीपावली हर्षोल्लास के साथ मना

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

नवापारा राजिम, 25 अक्टूबर। ग्रामीण अंचलों में दीपावली का पर्व बड़े धूमधाम से संपन्न हुआ। अंचल के ग्रामों में माता लक्ष्मी जी की मूर्ति को सार्वजनिक रूप से पंडालों में स्थापित कर भक्ति भावपूर्ण पूजा अर्चना किया। शनिवार धनतेरस से शुरू हुए त्योहार के दौरान अलग-अलग दिनों में विविध कार्यक्रमों का आयोजन बहुत हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ।

समीपस्थ ग्राम परसदा में दीपावली हर्ष एवं उमंग के साथ मनाया गया। इस अवसर पर धनतेरस के दिन मिट्टी के तेरह दीप जलाकर भगवान धनवंतरी की पूजा की गई। दूसरे दिन नरक चौदस के अवसर पर ग्रामवासियों के द्वारा प्रात: स्नान कर यमदेव की पूजा-अर्चना की गई। लक्ष्मी पूजा के दिन घरों में रंगोली सजा लक्ष्मी पूजन कर दीपावली की शुभकामनायें दी।

लक्ष्मी पूजन के पश्चात् देर रात तक  गौरा -गौरी वाले कलशा परघाने बाजे-गाजे के साथ घर-घर जाकर दिए, तेल एवं कलशा एकत्र की। उसके बाद मिट्टी के बनाए गए गौरा -गौरी को गौरा चौक में स्थापित कर उनकी विधिवत पूजा अर्चना की गई।

वहीं सुबह को बाजे गाजे के साथ तालाब में विसर्जन किया गया। तत्पश्चात सभी लोग अपने-अपने घरों में गाय एवं बैलों को खिचड़ी खिलाकर पूजा किए। इस दौरान रावत बंधुओं द्वारा गायों को सोहई बाँधने का कार्य घूम घूमकर किया गया। शाम होते ही समस्त ग्रामवासी साहड़ा चौक पर एकत्र होकर गोवर्धन पूजा कर एक दूसरे को गोबर का टीका लगाकर बधाई देते हुए अपने से बड़ों का आशीर्वाद लेते हुए भाईचारे का परिचय दिया।

भाई दूज के दिन बहन अपने भाइयों के मस्तक पर मंगल टीका लगाकर उनके आरती उतारते हुए अपने भाइयों के लिए दीर्घायु की कामना की.इसके बाद रावत बन्धुओ द्वारा मातर के अवसर पर डंडा नृत्य किया गया। मातर के दिन माता लक्ष्मी की मूर्ति का आस्था एवं श्रद्धा के साथ गांव के बड़े तालाब में विसर्जन किया गया। इस अवसर पर रमेश वर्मा सरपंच ने कहा कि दीपावली का पर्व संस्कृति, सौहार्द्रता और समरसता का उत्सव है. दीपो की ज्योति समाज में प्रेम, एकता और सहयोग की भावना को प्रज्जवलित करने की संदेश देती है। पूरन लाल साहू व्याख्याता ने कहा कि माता लक्ष्मी प्रकाश, धन और सौंदर्य की देवी है। दीपावली का पर्व अंधकार पर प्रकाश, अन्याय पर न्याय, अज्ञान से ज्ञान और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है।

 

कार्यक्रम के अंत में खिचड़ी का प्रसाद वितरण किया गया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में सरपंच रमेश वर्मा, पंचू रावत,रमेशर यादव, रामचंद्र यादव,घनश्याम यादव,कुलेश्वर रावत, तुलु रावत, पूरन लाल साहू, टीकू यादव, रामकुमार हिरवानी, भूषण वर्मा, मोहन यादव, धनऊ ध्रुव, आशाराम साहू,राजेश साहू लछनू ध्रुव,योगेश साहू, किशोर साहू,योगेश यादव, सूखेन साहू प्रीत राम साहू, तीजू साहू, ललित साहू,गणेश वर्मा, दुष्यंत वर्मा, वेदप्रकाश साहू, द्वारिका साहू,दयालु साहू,भारत साहू, खिलावन साहू, मोती तारक, कुमा तारक, शत्रुहन सेन,संतोष साहू,पप्पू साहू विनोद सेन, संतराम बारले, रामजी खिलवारे,प्रेमलाल खुटियारे, गिरीराज वर्मा, दिनेश यादव, एवं समस्त ग्रामवासियों एवं योगदान रहा।


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