गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 22 जून। गरियाबंद जिला पंचायत अध्यक्ष गौरीशंकर कश्यप पदभार संभालने के बाद से ही अपने कर्तव्यों से कहीं आगे बढक़र समाजसेवा की नई परिभाषा गढ़ रहे हैं। अपने पहले ही माह के मानदेय को अपने प्रथम विद्यालय देवभोग के शिशु मंदिर को समर्पित किया, दूसरे माह का मानदेय सरस्वती शिशु मंदिर उरमाल को समर्पित किया जहाँ वो बाल्य काल का शिक्षा ग्रहण किए थे वहीं , तीसरे माह का ब्रह्माकुमारी ओम शांति संस्थान गरियाबंद को जो निरंतर सेवा कार्यों में लगी रहती है उनको समर्पित कर दिया । वहीं अब चौथे माह का मानदेय गायत्री शक्ति पीठ फुलकर्रा में बनने जा रहे शक्तिपीठ मंदिर को दान देकर उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि उनके लिए जनसेवा केवल दायित्व नहीं, बल्कि तपस्या है।
स्थानीय लोगों और समाजसेवियों ने उनकी इस पहल की भरपूर सराहना की है। गायत्री शक्ति पीठ से जुड़े प्रतिनिधियों ने मानदेय का यह योगदान पाकर कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे नेताओं के कारण समाज में मूल्यों और नैतिकता की जड़ें और मजबूत होती हैं।
‘छत्तीसगढ़’ से खास चर्चा के दौरान जिलापंचायत अध्यक्ष गौरीशंकर कश्यप ने कहा कि मेरा मानदेय केवल एक राशि नहीं, वह जनता की सेवा का माध्यम है। जब यह राशि बच्चों की शिक्षा, आत्मिक उन्नति और सामाजिक उत्थान में लगेगी, तभी इसका सही उपयोग होगा।