गरियाबंद

दिवाली को लेकर बाजार गुलजार, लक्ष्मी की प्रतिमा को अंतिम रूप देने जुटे कुम्हार
23-Oct-2024 2:52 PM
दिवाली को लेकर बाजार गुलजार, लक्ष्मी की प्रतिमा को अंतिम रूप देने जुटे कुम्हार

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 23 अक्टूबर।
प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस्या तिथि को दिवाली मनाई जाती है। दिवाली को लेकर बाजार अभी से ही गुलजार होने लग गया है। कुम्हार माता लक्ष्मी की प्रतिमा को अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं। इधर किसान अभी अर्ली वेराइटी के धान की कटाई में लग गए हैं, लेकिन धान खरीदी न होने से व बेमौसम बारिश होने की वजह से इस बार किसान मायुश हो रहे हैं। इस बार वे धूम-धाम से दिवाली का त्योहार नहीं मना पाएंगे।

दीपावली की तिथि के संबंध में पांडुका क्षेत्र के प्रसिद्ध कथावाचक, भगवताचार्य व महामाया मंदिर के पुजारी पं. राकेश शर्मा ने बताया कि देव पंचांग शास्त्र के अनुसार 30 अक्टूबर बुधवार को धनतेरस धनवंतरी जयंती, 31 अक्टूबर गुरुवार को नरक चतुर्दशी रूप चतुर्दशी, 01 नवंबर शुक्रवार को दिवाली प्रदोष काल में महालक्ष्मी कुबेर आदि पूजन गोधूलि बेला 4.35 बजे से शाम 6.11 बजे तक वृषभ स्थिर लग्न 6.14 बजे से रात 8.13 बजे तक लाभ योग रात्रि 9 बजे से रात्रि 10.30 बजे तक, सिंह स्थिर लग्न रात 12.41 बजे से 2.51 बजे तक रहेगा।

नवंबर शनिवार गोवर्धन पूजा अन्न कूट, 03 नवंबर रविवार को यम द्वितीया भाई दूज व चित्रगुप्त पूजन किया जाना है। धन की देवी लक्ष्मी, गणेश व कुबेर महाराज की पूजा दिवाली शुभ मुहूर्त में विधि विधान के साथ बूंदी के लड्डू, खीर, सिंघाड़ा, नारियल, पान का पत्ता, हलवा व बतासा के साथ पूजा कर भोग लगा सकते हैं।

दिवाली के दिन कही माता लक्ष्मी का ब्राह्मण द्वारा वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ स्थापित भी किया जाता है, जिसकी तैयारी अभी से ही देखने को मिल रही है।
 


अन्य पोस्ट