गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
गरियाबंद, 22 अक्टूबर। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के आह्वान पर गरियाबंद जिला के 67 समिति प्रबंधकों द्वारा अपनी तीन सूत्रीय मांग को लेकर गरियाबंद जिला के धरना स्थल गांधी मैदान में पहुंच दो दिवसीय हड़ताल पर बैठे है।
ज्ञात हो कि प्रबंधकों का लगातार चरणबद्ध तरीके से प्रदर्शन जारी है। यह उनका दूसरा चरण है जिसमें वे आज अपना दफ्तर छोड़ कर भारी संख्या में धरना स्थल पहुंच जिला स्तरीय धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम कल कलेक्टर को ज्ञापन सौंपेंगे।
इस हड़ताल से पहले अपनी तीन सूत्री मांग को लेकर प्रबंधकों ने प्रथम चरण में कालीपट्टी लगाकर दफ्तर में काम कर प्रदर्शन किया था, पर फिर भी सरकार की ओर से कोई पहल नहीं की गई थी। जिसके बाद अब प्रबंधकों ने दूसरे चरण का रास्ता अपनाया है।
वहीं सहकारी समिति कर्मचारी संघ जिला गरियाबंद शाखा अध्यक्ष अश्विनी कुमार साहू ने अपनी तीन सूत्रीय मांग की जानकारी दी और कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होगी हमारे समस्त कर्मचारी समितियों को बंद कर धरना स्थल पर बैठे रहेगी। अश्विनी कुमार साहू ने आगे कहा कि अभी तो हम ज्ञापन देने के लिए आए है। आज और कल समिति बंद करके प्रदर्शन कर छत्तीसगढ़ के प्रत्येक जिले में कलेक्टर महोदय को ज्ञापन सौंपेंगे। उसके बाद भी यदि 4 तारीख को हमारी मांग पूरी नहीं हो जाती तो राजधानी रायपुर के धरना स्थल में 4 नवंबर से लगातार अनिश्चित कालीन हड़ताल के रूप में धरना पर बैठेंगे।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी की प्रथम मांग है कि मध्यप्रदेश सरकार के तर्ज पर छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा भी प्रदेश के 2058 सहकारी समितियों के कर्मचारियों के वेतनमान हो व अन्य सुविधाएं लाभ देने हेतु प्रति वर्ष प्रत्येक समितियों को 3-3 लाख रुपए प्रबंधकीय अनुदान राशि दिया जाए। उनका द्वितीय मांग है कि सेवानियम 2018 की आंशिक संशोधन करते हुए पुनरीक्षित वेतनमान लागू की जाए। वही उनकी तीसरी मांग है कि धान खरीदी वर्ष 2023-24 में धान परिदान पश्चात हुई संपूर्ण सुखद मान्य करते हुए आगामी वर्षों के लिए धान खरीदी नीति में वर्णित 16.9 में सुखत मान्य करने का प्रावधान करते हुए धान खरीदी अनुबंध में परिवर्तन करते हुए प्रासंगिक व सुरक्षा व्यय एवं कमीशन, खाद, बीज, उपभोक्ता, फसल, बीमा, आदि को चार गुना बढ़ोतरी कर राशन वितरण पर 500 किलो क्षतिपूर्ति 5000 रूपए दी जाए।