गरियाबंद

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजिम, 11 फरवरी। माघी पुन्नी मेला के छठवें दिन शुक्रवार को सांस्कृतिक मंच क्र. 02 नदी पर लोक कलाकारों की प्रस्तुति ने दर्शकों को बांधे रखा।
एक से बढक़र एक दृश्य मंच पर बदलते रहें। छत्तीसगढ़ के पारम्परिक संस्कृति एवं आदिवासी परम्पराओं पर आधारित लोक नृत्य की शानदार प्रस्तुति सेठ फूलचंद अग्रवाल स्मृति महाविद्यालय नवापारा शिक्षा संकाय में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहें बी.एड. सेमेस्टर के प्रशिक्षणार्थियों द्वारा दिया गया। प्रो. नैना पहाडिय़ा, प्रो. लोमश कुमार साहू के मार्गदर्शन में आदिवासी संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से बी.एड. प्रशिक्षणार्थी पायल साहू, पीयूष यादव, सूरज साहू, काजल साहू, धनेश साहू, दूजबती पटेल, ताम्रध्वज ने पारम्परिक वेशभूषा में बस्तरिहा गीत पर नृत्य कर अमिट छाप छोड़ी। लोहरसी कोपरा के खेमचंद यादव ने कर्णेश्वर मानस परिवार के द्वारा रामायण की जोरदार प्रस्तुति दी। पोखरा के ताम्रप्रकाश बांधे ने सतनाम मंगल भजन पार्टी केे द्वारा मांदर की धुन पर तान छेड़ा। नवागांव रायपुर के खेलावन सिन्हा ने फाग गीत की प्रस्तुति देकर होलियाना माहौल बना दी। रंग-गुलाल उडऩे लगे नंगाडे की थाप के साथ भगवान राजीव लोचन भगवान की जयकारा होते रहें।
भिलाई नगर सेक्टर 7 रूही साहू की पण्डवानी ने महाभारत की याद दिला दी। बेलटुकरी के देवलाल साहू ने जसगीत झांकी में लोककला की छटा बिखेरी। इस मौके पर बड़ी संख्या में दर्शक शाम तक बैठकर लोककला का लुफ्त उठाते रहें। सांस्कृतिक प्रभारी पुरूषोत्तम चन्द्राकर के अलावा किशोर निर्मलकर, सुखेन साहू आदि कार्यक्रम को सफल बनाने में लगे हुए है। संचालन महेन्द्र पंत ने किया।