गरियाबंद

भजनों-काव्यों से राष्ट्रपति पुरस्कृत गजानंद देवांगन को श्रद्धांजलि
11-Dec-2021 6:11 PM
भजनों-काव्यों से राष्ट्रपति पुरस्कृत गजानंद देवांगन को श्रद्धांजलि

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
 छुरा, 11 दिसंबर।
छत्तीसगढ़ के ख्यातिलब्ध साहित्यकार, रामायणी, राष्ट्रपति पुरस्कृत शिक्षक स्व. गजानंद प्रसाद देवांगन की 10वीं पुण्य तिथि उनके निवास पर मनाई गई।
सर्वप्रथम स्व देवांगन के साहित्यकार पुत्र हरिशंकर देवांगन, मदन सेन, चिंताराम सिन्हा, मुरारी लाल देवानंद,  हीरालाल गुरुजी ने स्व. गजानंद प्रसाद देवांगन के तैल चित्र पर दीप प्रज्वलित कर पुष्पांजलि अर्पित किए पश्चात हरदेश्वर मानस मंडली हरदी  द्वारा गुरुदेव को भजनांजली अर्पित की गई, जिनमें नारद शरण, लिखन,  शिवदयाल, लखन तिवारी मौजूद रहे। लखन तिवारी और मदन सेन ने गुरुदेव के साथ बिताए अपने दिनों के संस्मरण भी सुनाए। पश्चात जनक नंदिनी मानस परिवार जटियातोरा द्वारा भजन के माध्यम से श्रद्धांजलि दी गई। पश्चात स्वर्गीय देवांगन को 101 दीपों की दीपांजलि श्रद्धांजलि सभी उपस्थित परिजनों एवं शिक्षकों द्वारा दीप प्रज्वलित कर दी गई।

अगली कड़ी में गुरुदेव द्वारा स्थापित शिक्षक मानस परिवार द्वारा उन्हें भजनों के माध्यम से श्रद्धासुमन अर्पित किए, जिनमें प्रमुख रूप से कमता प्रसाद तिवारी, विनोद देवांगन, ललित वर्मा, हीरालाल साहू, मनहरण पटेल, विमल पुरोहित, मंचासीन थे। भजनांजली के पश्चात स्मरण साहित्य समिति के कवियों द्वारा अपनी कविताओं के माध्यम से काव्यांजलि, शब्दांजलि दी गई, जिनमें दीनदयाल टंडन ने सरस्वती वंदना से काव्यांजलि का प्रारंभ किया पश्चात युवा कवि पुष्पराज साहू ने, हे मोर छत्तीसगढ़ महतारी में माटी की महिमा सुनाई,  लक्ष्मीकांत वैष्णव ने बाबूजी से विनती करते हुए, दे दो चरण कमल धूल कहता हूं प्रस्तुत किए। पश्चात अर्जुन धनंजय सिन्हा ने, आज नहीं तो कल काव्य के माध्यम से श्रद्धांजलि दी। लोहझर के वरिष्ठ कवि नोहरलाल पटेल ने छत्तीसगढ़ी एवं हिंदी  में रचना प्रस्तुत कर अपनी श्रद्धांजलि दी।

अगली कड़ी में देवनारायण यदु ने बिजहा के धान पढक़र किसानों की व्यथा को मंच पर उतारा। स्मरण साहित्य समिति के अध्यक्ष एवं व्यंग्यकार ललित साहू जख्मी ने कविता, भारत तो कहीं खो गया साहब ये तो हमारा इंडिया है के माध्यम से शब्द सुमन अर्पित किए एवं आशिर्वाद प्राप्त किये। कवि रीझे यादव ने भी काव्य के माध्यम से गुरुदेव को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। पश्चात शीतल धु्रव ने गुरुदेव के साथ बिताए अपने संस्मरण सुनाए।

काव्यांजलि का संचालन कर रहे कवि साहित्यकार हीरालाल गुरुजी समय ने किसान और वर्तमान में कृषि से अलग हो रहे युवाओं के लिए प्रेरित कविता, खेती परिया पारव झन धरती दाई रोही का पाठ किया और तालियां बटोरी। आभार प्रकट स्वर्गीय देवांगन के छोटे भाई जे एल देवांगन ने किया। कार्यक्रम में नरोत्तम साहू, भोला कंसारी, हेमंत कंवर, रोहित नेताम, खूबलाल सिन्हा, पुखराज ठाकुर, मनोज पटेल,पुनीत राम ठाकुर सहित नगरजन एवं परिजन उपस्थित रहे।


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