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हंसल मेहता की फ़िल्म 'फ़राज़' पर रोक लगाने से दिल्ली हाई कोर्ट ने किया इनकार
15-Oct-2022 8:48 AM
हंसल मेहता की फ़िल्म 'फ़राज़' पर रोक लगाने से दिल्ली हाई कोर्ट ने किया इनकार

Twitter@mehtahansal


दिल्ली हाई कोर्ट ने शुक्रवार को हंसल मेहता की फ़िल्म 'फ़राज़' की रिलीज़ पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है.

हंसल मेहता की 'फ़राज़' साल 2016 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हुए चरमपंथी हमलों पर आधारित है.

इस मामले में ढाका टेरर अटैक की दो पीड़ितों की माताओं ने फ़िल्म 'फ़राज़' की रिलीज़ रोकने के लिए याचिका दायर की थी.

हाई कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले का निपटारा कर दिया और फिल्म की रिलीज़ पर स्टे देने के अपने पिछले फ़ैसले को भी रद्द कर दिया है.

याचिकाकर्ताओं की दलील थी कि ये फ़िल्म उनकी बेटियों की 'ख़राब छवि' पेश करती है. इससे उनके पुराने जख़्म फिर से कुरेदे जाएंगे और उनकी निजता के अधिकार का भी हनन होता है. उन्होंने अपने मुक़दमे में मानहानि का भी दावा किया था.

जस्टिस नीना बंसल कृष्णा ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए कहा कि दोनों पक्षों के तथ्यों और दावों के मद्देनज़र परिस्थितियां बचावकर्ता (हंसल मेहता) के पक्ष में हैं. कोर्ट ने ये भी कहा कि फिल्म बनाने में काफी बड़ी रकम खर्च की जा चुकी है.

"इसलिए याचिकाकर्ता अब किसी रोक के हकदार नहीं है. फिल्म की रिलीज़ पर रोक लगाने का अंतरिम आदेश रद्द किया जाता है. साथ ही याचिका खारिज की जाती है. फिल्म की रिलीज़ होने से यदि याचिकाकर्ता के किसी अधिकार का हनन होता है तो उन्हें मुआवजे का दावा करने का हक होगा."

अदालत ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 24 नवंबर तय की है.

33 पन्नों के अपने आदेश में हाई कोर्ट ने ये भी कहा कि मृतक की निजता के अधिकार पर उनकी माताएं विरासत का दावा नहीं कर सकती हैं. (bbc.com/hindi)


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