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दिल्ली हाईकोर्ट की तरफ़ से अभिनेत्री जूही चावला के लिए राहत भरी ख़बर है.
हाईकोर्ट ने गुरुवार को जूही चावला के ख़िलाफ उन टिप्पणियों को कार्यवाही से निकाल दिया है, जिसमें ये कहा गया था कि जूही ने पब्लिसिटी हासिल करने के लिए देश में 5जी वायरलेस नेटवर्क के ख़िलाफ अपील की थी.
अभिनेत्री ने अपनी अपील में स्वास्थ्य संबंधी ख़तरा बताकर 5जी वायरलेस नेटवर्क का विरोध किया था.
जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस जसमीत सिंह की पीठ ने ये भी कहा कि जूही चावला ने 5G को मुद्दे को हल्के तौर पर नहीं लिया था. ऐसे में पीठ ने चावला पर लगे 20 लाख रुपए के ज़ुर्माने को घटाकर 2 लाख रुपए कर दिया है.
खंडपीठ ने जूही चावला की अपील को मंज़ूर कर लिया है. साथ ही 4 जून, 2021 के आदेश को रद्द कर दिया है, जिसमें चावला और दो दूसरे लोगों की अपील को ये कहते हुए ख़ारिज़ कर दिया गया था कि ये अपील "दोषपूर्ण" है, "कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग" है और "प्रचार हासिल करने के लिए" दायर किया गया था.
जूही की याचिका में क्या था?
देश में 5जी तकनीक के ख़िलाफ़ जूही चावला के साथ दो अन्य याचिकाकर्ता वीरेश मलिक और टीना वाच्छानी ने एक याचिका में अदालत से कहा था कि वो सरकारी एजेंसियों को आदेश दें कि वो जाँच कर पता लगाएँ कि 5जी स्वास्थ्य के लिए कितना सुरक्षित है.
याचिकाकर्ताओं की माँग थी कि इस जाँच पर किसी भी निजी कंपनी, व्यक्ति का प्रभाव ना हो. याचिका में 5जी से पेश संभावित ख़तरों का ज़िक्र था. (bbc.com)


