दुर्ग

मोंगरा जलाशय से पानी छोडऩे से हजारों एकड़ खेत जलमग्न
20-Aug-2025 6:47 PM
मोंगरा जलाशय से पानी छोडऩे से हजारों एकड़ खेत जलमग्न

नए पुल बनाने की मांग

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दुर्ग, 20 अगस्त।  सिक्स लेन में थनौद के पास नया पुल नहीं बना तो पूरा गांव जलमग्न हो जाएगा। पिछले दिनों मोंगरा जलाशय से भारी मात्रा में पानी छोडऩे से हजारों एकड़ खेत जलमग्न होने से इनमें लगी फसल पानी में डूब गई थी।

बरसात में बाढ़ की पानी निकासी के लिए नए पुल का निर्माण जरूरी है। जानकारी के अनुसार बारिश के समय अभी तो जैसे तैसे पानी कि निकासी हो रही है। शिवनाथ नदी के पास थानौद गांव में इन दिनों ग्रामीणों ने सिक्स लेन में मिट्टी भराव का कार्य रुकवा दिया है। तुलसीराम देशमुख एवं अन्य किसानों व ग्रामीणों का कहना है कि सिक्सलेन में नदी एवं थनौद नाला के बीच एक ऐसा बड़ा नया पुल बनाया जाना चाहिए जिससे बरसात के बाढ़ का पानी की निकासी आसानी से हो जाए। श्री देशमुख का कहना है कि पानी निकासी के लिए नया पुल नहीं बनाया गया तो थनौद के अलावा ग्राम चंगोरी, बिरेझर, खाड़ा, अछोटी, आलबरस आदि ग्रामों के हजारों एकड़ की फसल चौपट हो जाएगी।

उन्होंने कहा कि इसी प्रकार थनौद सोसायटी मार्ग में बनाए गए पुल की ऊंचाई बढ़ाई जाए या इसी जगह पर बीस फीट ऊंचा नया पुल बनाया जाए ताकि किसानों का हार्वेस्टर एवं मूर्तिकारों के गांव के रूप में प्रसिद्ध ग्राम थनौद में बनाई जाने वाली बड़ी मूर्तियां भी पुल के नीचे से ले जाया जा सके।

यहां यह बताना लाजिमी है कि पिछले माह हुई बारिश से ग्रामीणों के होश उड़ गए। अभी बरसात बाकी है और अभी से  जल भराव हो गया है। थोड़ी मिट्टी डालने पर भी बरसात का पानी कि निकासी नहीं हो रही है। ग्रामीणों का कहना है कि सिक्स लेन बनने के बाद सडक़ थोड़ा और ऊंचा होगा तो पानी की निकासी पूरी तरह रुक जाएगी। अभी यह स्थिति है कि पूरा खेत एक सप्ताह तक डूबा था। गांव के आधा से ज्यादा घरों तक पानी पहुंच गया था।

 जिसके बाद ग्रामीणों ने एकजुट होकर कार्यस्थल पर जाकर निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग की है।

ग्रामीणों का कहना है कि सिक्स लेन बना रहा है अच्छा है। लेकिन बरसात के पानी की निस्तरी (निकासी) कैसे हो इसका भी उपाय किया जाना चाहिए। नया पुल बनाने की जरूरत है जिससे कि पानी न रुके। अगर एनएचएआई द्वारा नया पुल नहीं बनाया गया तो वो दिन दूर नहीं जब बरसात के दिनों में ग्रामवासी को अपने ही घर में घुसने में दिक्कत हो जाएगी। वहीं खेत का फसल भी पानी में डूबकर खराब हो जाएगा। ग्रामीणों ने कहा कि नया पुल नहीं बनाया तो फिर ग्रामीणों को आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।


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