दुर्ग

शासकीय-अर्धशासकीय भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कराया जाने के निर्देश
01-May-2025 3:19 PM
शासकीय-अर्धशासकीय भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कराया जाने के निर्देश

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

दुर्ग, 1 मई। नगर निगम महापौर अलका बाघमार के मार्गदर्शन में बुधवार को प्रभारी नगरीय नियोजन एवं लोक कर्म समिति में बैठक आयोजित किया गया।

इस बैठक में लोक कर्म विभाग से जुड़े अधिकारियों को विकास कार्यों को कार्यालयीन अवधि में उपस्थित रहकर कार्यों को करने के निर्देश दिए गए। निगम सीमा अंतर्गत वार्ड के समस्त पार्षदों से राय लेकर 1.00 लाख तक बी.टी. रोड़ पेंच रिपेयरिंग कार्य कराए जाने हेतु प्रस्ताव बनाया जाएगा। निगम सीमा अंतर्गत समस्त शासकीय एवं अर्द्धशासकीय भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित कराया जाएगा।

दुर्ग निगम क्षेत्रांतर्गत जितने भी भवन बनाए जाते हैं, उनमें रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम स्थापित होने के पश्चात् ही भवन पूर्णता प्रमाण पत्र दिया जाएगा। बिजली विभाग को पत्र दिया जाएगा कि बिना भवन पूर्णता प्रमाण पत्र एवं टैक्स की रसीद के स्थायी बिजली मीटर न दिया जाए। नये विकसित होने वाले क्षेत्र पर कंटूर प्लान तैयार किया जाएगा। दुर्ग शहर सीमा अंतर्गत राजस्व विभाग से विभिन्न शासकीय जगहों की सूची मांगकर उन स्थानों पर वृक्ष लगाकर फेंसिंग कार्य किया जाएगा।निगम सीमा अंतर्गत जहा आवश्यक हो, वहां पर बारिश के पहले डस्ट डालने हेतु प्रस्ताव बनाया जाएगा।

बैठक में नगरीय नियोजन एवं लोक कर्म समिति सदस्य संजय कोहले, कुलेश्वर साहू, कमल देवांगन, गुलाब वर्मा, गोविंद देवांगन, लोकेश्वरी ठाकुर, आशीष चंद्राकर, सरस निर्मलकर,कार्यपालन अभियंता वीपी मिश्रा, आरके जैन, भवन अधिकारी गिरीश दीवान, सहायक अभियंता संजय ठाकुर एवं ठाकरे। दुर्ग निगम का बड़ा फैसला रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं तो जुर्माना।

 

दुर्ग निगम ने शहरवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब यदि कोई व्यक्ति अपने भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाता है, तो उसे जुर्माना देना पड़ सकता है। यह निर्णय शहर में जल संचयन को बढ़ावा देने और भूजल स्तर को सुधारने के उद्देश्य से लिया गया है।

सभी नए भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा, पुराने भवनों में भी रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की आवश्यकता होगी, जो व्यक्ति इस नियम का पालन नहीं करेगा, उसे जुर्माना देना पड़ सकता है। शहर में जल संचयन को बढ़ावा मिलेगा।भूजल स्तर में सुधार होगा। पानी की बचत होगी। दुर्ग निगम ने इस नियम को सख्ती से लागू करने के लिए एक टीम का गठन किया है। यह टीम शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जाकर भवनों का निरीक्षण करेगी और जो व्यक्ति इस नियम का पालन नहीं करेगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी


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