‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
अंबागढ़ चौकी, 14 जून। प्री मानसून के दस्तक के साथ ही क्षेत्र में खेती किसानी की तैयारियां जोरशोर से शुरू हो गई है, लेकिन किसानों को सोसायटियों से खाद नहीं मिल रहा है। खाद की किल्लत से किसानों के सामने एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। हालात ऐसे हैं कि किसानों को मनमाने दाम पर व्यापारियों से खाद खरीदनी पड़ रही है, पर खुले बाजार व दुकानों में नकली खाद बेचे जाने से किसानों की चिंता बढ़ गई है। वनांचल के किसान सोसायटियों में पर्याप्त मात्रा में खाद की आपूर्ति करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन हर स्थानों में खाद की किल्लत के चलते शासन सोसायटियों में मांग के अनुरूप खाद की आपूर्ति नहीं कर पा रहा है। जिससे किसानों को सोसायटियों से खाली हाथ लौटना पड़ रहा है।
ब्लॉक के किसानों को इस वर्ष भी खाद के संकट का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन बीते वर्ष की तुलना में इस वर्ष खाद की किल्लत व मारामारी अधिक बढ़ गई है। मानसून के दस्तक के साथ ही किसान खेती-किसानी के काम में जुट गए हैं, लेकिन हर सोसायटी में खाद की किल्लत को लेकर किसानों में आक्रोश की स्थिति बनी हुई है। हर जगह डीएपी, यूरिया, पोटाश, सुपर फास्फेट की किल्लत का रोना रोया जा रहा है।
आमाटोला के किसान जसवंत साहू, ओमप्रकाश सिन्हा, पूर्व सरपंच श्यामसाय ठाकुर, रेंगाकठेरा के हेमराय साहू, सरपंच हुमन चंद्रवंशी, चिल्हाटी के हरीदास अंबादे, सरपंच जीतलाल चंद्रवंशी, विचारपुर के कबीरदास, दुलारसिंह, ढाढूटोला के पूनमचंद साहू, हरीराम परतेती, कुंती कुंजाम, आतरगांव के डेरहाराम मेश्राम, सरपंच उमेश अमिला, सरपंच बिहारी रावटे, कौड़ीकसा के रामेन्द्र गोआर्य राजकुमार ध्रुव ने बताया कि सोसायटियों में डीएपी खाद तो आया ही नहीं है। इसके अलावा यूरिया, सुपर फास्फेट, पोटाश की भी किल्लत बनी हुई है।
आमाटोला सोसायटी से जुड़े किसानों का कहना है कि उनके यहां तो अभी तक किसी प्रकार का कोई खाद ही नहीं पहुंचा है। इस क्षेत्र के किसानों को सोासायटियों से बिना खाद लिए खाली हाथ लौटना पड़ रहा है। इससे क्षेत्र के किसानों में शासन व प्रशासन के खिलाफ नाराजगी बढ़ती ही जा रही है। आमाटोला के किसान जसवंत साहू व रैनूटोला के लक्ष्मण मिरी ने बताया कि सोसायटियों में आनलाइन देखने पर वर्मी कम्पोस्ट का पर्याप्त भंडारण बताया जाता है कि लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि सोसायटियों में वर्मी कंपोस्ट खाद भी नहीं मिल पा रहा है। इससे भी किसानों में आक्रोश की स्थिति बनी हुई है।
नकली खाद को लेकर भी शिकायत, पुलिस तक पहुंचा मामला
वनांचल में खाद के नाम पर किसानों को नकली खाद बेचने की भी शिकायतें आ रही है। तोयागोंदी के किसान पूनमचंद साहू ने बताया कि इलाके में डीएपी के नाम पर नकली खाद डीएपी बेचा जा रहा है। दुकानों में ही नहीं ग्रामीण क्षेत्रो में भी व्यापारी घूम-घूमकर नकली खाद बेच रहे हैं। बांधाबाजार में कुछ दिनों पहले किसानों ने डीएपी के नाम पर नकली खाद बेच रहे एक व्यापारी को उसके वाहन सहित पकडक़र पुलिस थाना तक लाया।
किसानों ने बताया कि व्यापारी पिकअप, मिनीडोर, मेटाडोर सहित वाहनों में नकली खाद भरकर गांव-गांव घूम-घूमकर प्रचार-प्रसार करते खाद के नाम पर किसानों को नकली खाद बेचकर गांव के भोले-भाले ग्रामीणों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। मामले की शिकायत पुलिस तक पहुंची भी और प्रशासन को भी इसकी जानकारी दी गई, लेकिन आखिकरकार मामले को लेनदेन का निपटा दिया गया। दुकानों में भी नकली खाद बेचे जाने की शिकायत मिल रही है लेकिन प्रशासन की नींद टूटने के नाम नहीं ले रही है और इधर हालात से मजबूर किसान सीधे लूटपाट व धोखाधड़ी का शिकार हो रहा है। जिससे किसानों में भारी आक्रोश है। जिला सहकारी केंद्रीय बैंक प्रबंधक पीआर जुरेशिया का कहना है कि मांग के अनुरूप सोसायटियों को खाद की आपूर्ति नहीं रही है। जिससे किसानों को खाद की किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। शीर्ष अधिकारियों को समस्या की जानकारी दी गई है।