‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 17 नवंबर। जिले के तमनार और पुसौर ब्लॉक में अदाणी फाउंडेशन द्वारा गुरुवार को बाल दिवस बड़े ही उत्साहपूर्वक मनाया गया। देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में मनाएक जाने वाले बाल दिवस के शुभ अवसर पर आसपास की 40 से अधिक प्राथमिक व मिडिल शालाओं और आंगनवाड़ी केंद्रों में बाल विकास को ध्यान में रखते हुए विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए।
इस कार्यक्रम में रंगोली, चित्रकला, पोस्टर मेकिंग, फैन्सी ड्रेस, कुर्सी दौड़, सुई में धागा डालना, गुब्बारा संतुलन, कविता पाठ प्रतियोगिताओं के साथ ही कई रोचक खेलों को शामिल किया गया। अदाणी फाउंडेशन द्वारा जहाँ एक ओर तमनार के मिलूपारा बंजारी मंदिर के समीप नर्सरी में आयोजित कार्यक्रम में फाउंडेशन द्वारा संचालित नि:शुल्क जवाहर नवोदय कोचिंग सेंटर और चार शालाओं में अध्ययनरत कुल 65 विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया।
वहीं, अदाणी फाउंडेशन की उत्थान परियोजना के तहत पुसौर प्रखण्ड के बड़े भंडार, अमलीभौंना, छोटे भंडार, सरवानी, सूपा और बुनगा सहित कुल 17 परिधीय ग्रामों के 20 प्राथमिक और छह मीडिल स्कूलों के उपरांत 10 आंगनवाड़ी केंद्रों में बाल दिवस मनाया गया। इस अवसर पर 800 से अधिक छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों को उनकी प्रतिभा और मेहनत के लिए सम्मानित करना और उन्हें आगे बढऩे के लिए प्रेरित करना रहा।
पुसौर प्रखण्ड में कार्यक्रम की शुरुआत संकुल प्रभारी रामप्रसाद साव और शिक्षकों की उपस्थिति में हुई। इस अवसर पर 26 शालाओं के 1033 बच्चों को लेखन कार्य और क्षमता में सुधार करने हेतु कुल 3220 अभ्यास पुस्तिकाओं का वितरण किया गया, जिसमें हिन्दी की 1279, अंग्रेजी की 1294 और गणित की 647 अभ्यास पुस्तिकाएँ शामिल हैं। उत्थान परियोजना के तहत इस वर्ष कुल 10 शालाओं में बाला पेंटिंग का कार्य किया जाना भी प्रस्तावित है। जबकि, तमनार प्रखण्ड में कार्यक्रम के दौरान, शैक्षणिक सत्र 2023-24 में 100 प्रतिशत उपस्थिति दर्ज कराने वाले विद्यार्थियों को मेडल देकर सम्मानित किया गया। इसके साथ-साथ उन विद्यार्थियों को भी सम्मानित किया गया, जिन्होंने मासिक परीक्षा में अच्छे अंक अर्जित किए थे।
कार्यक्रम में उपस्थित उपस्थित प्रतिनिधियों ने अदाणी फाउंडेशन द्वारा गुणवत्ता युक्त शिक्षा के लिए की जा रही पहल और बाल दिवस के विभिन्न कार्यक्रमों की सराहना करते हुए इसे शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण और क्रांतिकारी कदम बताया।