रायगढ़

शावक को मां से मिलाने बुलाया महावत
01-Mar-2021 7:05 PM
शावक को मां से मिलाने बुलाया महावत

फाईल फोटो

दो दिनों से मादा हाथी बच्चे से है दूर

दोनों की वन अमला कर रहा निगरानी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायगढ़, 1 मार्च।
पिछले कुछ दिनों से मादा हाथी व उसका शावक रायगढ़ वन मंडल के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। सारंगढ़ वन परिक्षेत्र में मादा हाथी ने दो लोगों की जान भी ले ली, वहीं रविवार को मादा हाथी अपने शावक से भी बिछड़ गई। ऐसे में वन अमला के लिए परेशानी पहले से अधिक बढ़ गई, पर वन विभाग के अधिकारियों के मार्गदर्शन में दोनों पर लगातार वनकर्मी निगरानी कर रहे हैं, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी न हो जाए। वहीं सोमवार को मादा हाथी गोमर्डा अभ्यारण्य क्षेत्र के पास पहुंच गई हैं, तो उससे कुछ दूर में हाथी शावक मौजूद है। ऐसे में अब शावक को उसकी मां के पास तक पहुंचाने के लिए एक महावत को वन अमला के द्वारा बुलाया जा रहा है। ताकि बिछड़ा हुआ शावक अपनी मां के पास पहुंच जाए।

इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक रविवार को गुडिय़ारी क्षेत्र में मादा हाथी ने एक युवक पर हमला कर मार दिया था। इसके बाद आगे बढ़ कर वह कटेली तक पहुंच गई थी और उसका शावक थकने की वजह से गुडिय़ारी में ही रूक गया था। ऐसे में मां से शावक बिछड़ गया और विभाग की मुसीबत बढ़ गई। इस दौरान किसी प्रकार की कोई घटना न हो इस बात का ध्यान रखते हुए डीएफओ, एसडीओ के मार्गदर्शन में सभी वनकर्मी मादा हाथी व शावक पर निगरानी कर रहे थे। जहां पता चला कि रात में करीब ग्यारह बजे मादा हाथी आगे बढ़ कर गोमर्डा अभ्यारण्य से लगा हुआ गांव सहसपानी तक पहुंच गई। वहीं अभ्यारण्य के पास ही सराईपाली में शावक के होने की पुष्टि हुई। रायगढ़ वन मंडल के अधिकारियों के द्वारा लगातार इस मामले से विभाग के उच्चाधिकारियों को भी अपडेट दे रहे थे। 

 सोमवार को बिलासपुर से वाईल्डलाईफ सीसीएफ अनिल सोनी रायगढ़ वन मंडल पहुंच रहे हैं। वहीं विभाग के अधिकारियों ने बताया कि चूंकि शावक अपनी मां से दूर है और हाथियों के व्यवहार को महावत काफी हद तक समझते हैं, तो एक महावत को भी यहां बुलाया जा रहा है। ताकि शावक को उसके मां के करीब तक ले जाया जा सके और वापस दोनों एक साथ हो जाए। दोनों को मिलाने का पूरा प्रयास किए जाने की बात कही जा रही है।

शावक की तरफ नहीं जा रही मादा हाथी
विभाग के अधिकारियों ने बताया कि शावक लगभग ढाई साल का है और प्रारंभिक दृष्टि में ऐसा लग रहा है कि वह अपनी मां पर पूरी तरह निर्भर नहीं है और मादा हाथी भी अपने शावक की ओर दिशा में नहीं जा रही है। ऐसे में यह लग रहा है कि इनकी जो नेच्युरल प्रक्रिया होती है कि एक समय आने पर मां अपने बच्चे से अलग हो जाती है और जब उन्हें लगता है कि मिलना है, तो मिलते हैं। वैसा ही है और इस कारण हो सकता है कि मादा हाथी अपने शावक की दिशा में नहीं जा रही है। फिलहाल महावत का सहयोग दोनों को मिलाने के लिए लिया जाएगा।

डॉ. प्रणय मिश्रा डीएफओ, वन मंडल रायगढ़ का कहना है कि गोमर्डा अभ्यारण्य से लगा हुआ सहसपानी के जंगल में मादा हाथी है और अभ्यारण्य के पास ही सराईपाली क्षेत्र में शावक है। बिलासपुर से वाईल्डलाइफ सीसीएफ पहुंच रहे हैं। वहीं शावक को मादा हाथी से मिलाने का प्रयास किया जा रहा है इसके लिए महावत बुलाया जा रहा है।

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